150 से 300 रुपए में आयुष्मान, आधार , पैन सहित कई फर्जी कार्ड बनाने वाले आरोपियों ने कबूला कि वे 10 हजार रुपए में जाति प्रमाण पत्र भी बना देते थे। बाणगंगा थाने के सब इंस्पेक्टर जबरसिंह यादव ने बताया कि आरोपियों से 25 से ज्यादा आयुष्मान कार्ड जब्त हुए हैं। वहीं फर्जी दस्तावेज बनाने वाला एप तुरंत बंद कराने के लिए सर्वर संचालित करने वाली कंपनी को पत्र भी लिखा जा रहा है।
इसके अलावा एप बनाने वाला बदमाश पश्चिम बंगाल के किस इलाके में रहता है। उसने अब तक कितने लोगों को ये एप इंस्टाल कराया है। इसकी जानकारी भी निकाली जा रही है। पकड़े गए आरोपियों अजय और प्रदीप ने कबूल किया है कि वे नौकरी की तलाश में इंदौर आए थे, लेकिन काम नहीं मिला तो उन्होंने पोर्टल सर्च किया।
पोर्टल में आधार कार्ड या दूसरे दस्तावेजों के प्रिंट निकालने की जानकारी वाला एप मिला तो प्रदीप के नाम से रजिस्ट्रेशन करा लिया। इन्होंने दो अंक सूचियां भी बनाई हैं, जिसमें सेकंड डिवीजन वाले को फर्स्ट डिवीजन में बदल दिया था। आरोपियों ने कबूला कि ये सिलेक्टेड लोगों का ही काम करते थे, ताकि पकड़े न जा सकें। रिकॉर्ड में पांच जाति प्रमाण पत्र भी मिले हैं। पुलिस अब साइबर एक्सपर्ट की सहायता भी ले रही है।
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