Header Ads Widget

Responsive Advertisement

फलदार:इस एक पेड़ में लगते हैं बादाम, चेरी, आडू जैसे 40 तरह के फल, जाना जाता है ट्री ऑफ़ 40 के नाम से

 

  • आपने एक ही तरह के फल जैसे आम, अमरूद, जामुन आदि से लदे पेड़ तो देखे होंगे, लेकिन कभी एक ही पेड़ पर 40 तरह के फलों को लदे देखा-सुना है?

40 पेड़ो पर एक तरह के फल लगाए जा सकते हैं लेकिन एक ही पेड़ पर 40 अलग-अलग फलों का साथ में उगना आश्चर्य में डाल सकता है। किंतु कृषि के क्षेत्र में आने वाली नई तकनीकों के कारण यह ‘ट्री ऑफ़ 40’ के रूप में संभव हो पाया है और इस वृक्ष की क़ीमत किसी भी व्यक्ति को हैरत में डाल सकती है। विश्व में ‘ट्री ऑफ़ 40’ नामक यह पेड़ चर्चा का विषय बन चुका है। अब तक तो हमने यही देखा था कि एक पौधे से कृषि की आधुनिक तकनीकों की सहायता से दो से तीन तरह के अलग रंग-रूप वाले फूल पोषित हो सकते हैं।

ग्राफ्टिंग से हो पाया ये संभव
दरअसल पेड़ की यह ख़ूबी मानव-मस्तिष्क के विचार की उपज है। अमेरिका के सेराक्यूज विश्वविद्यालय के विज़ुअल आर्ट्स के प्रोफ़ेसर सैम वॉन ऐकेन का विचार ही इस अनूठे वृक्ष का आधार है। ‘ग्राफ्टिंग’ नामक तकनीक का सहारा लेकर सैम ने ये कारनामा किया है। इस पेड़ को पल्लवित होने में लगभग नौ वर्ष का समय लगा है।

क्या होती है ग्राफ्टिंग?
ग्राफ्टिंग तकनीक में पौधरोपण की एक अलहदा प्रक्रिया को प्रयोग में लाया जाता है। पेड़ की एक टहनी को कली समेत अलग किया जाता है और शीत ऋतु के दौरान इसे मुख्य पेड़ में छेद करके रोपा जाता है। प्रोफ़ेसर सैम ने 2008 में इस तकनीक की मदद से ‘ट्री ऑफ़ 40’ पर काम करना शुरू किया था।

ट्री ऑफ़ 40 की ख़ासियत
इस पेड़ पर बादाम, खुबानी, चेरी एवं आडू जैसे 40 फल एक साथ लगते हैं। इसकी क़ीमत 19 लाख रुपए के आसपास है। प्रोफ़ेसर सैम ने खेतीबाड़ी में विशेष दिलचस्पी के कारण यह करिश्मा कर दिखाया है। तरह-तरह के रंग-बिरंगे फल इस तरु को कई ख़ूबियों के साथ ख़ूबसूरती भी प्रदान करते हैं।

बग़ीचा लिया लीज़ पर
अमेरिका के जिस बग़ीचे में यह पेड़ मौजूद है उसे लीज़ पर ले लिया था। 2008 से पहले ये बग़ीचा न्यूयॉर्क राज्य कृषि प्रयोगशाला का हुआ करता था। इसमें फलों की दुर्लभ प्रजातियां तो थीं ही, साथ ही बेर और खुबानी जैसे फलों के क़रीब 200 पौधे हुआ करते थे। लेकिन फंड की कमी के कारण बाग़ बंद होने जा रहा था। प्रोफ़ेसर सैम का ध्यान जब इस बात पर गया तो उन्होंने बंद होते हुए बग़ीचे को एक उम्मीद दे डाली। और आज उनकी यही मेहनत ‘ट्री ऑफ़ 40' के नाम से संसार के सामने है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ