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गणेशोत्सव पहला दिन:खजराना में 50 हजार भक्तों ने किए दर्शन, बड़ा गणपति मंदिर में 1008 नामों से अर्चना

 

बड़ा गणपति मंदिर। - Dainik Bhaskar
बड़ा गणपति मंदिर।
  • घर-पंडालों के साथ मंदिरों में भी गणेश प्रतिमाएं हुईं स्थापित, चढ़ाया चोला

गणेश चतुर्थी पर शुक्रवार को लोगों ने शुभ मुहूर्त में घरों और पंडालों में गणेश प्रतिमाएं स्थापित की। सुबह से ही बाजारों में प्रतिमाएं लेने पहुंचने लगे थे। वहीं पहले दिन खजराना गणेश, बड़ा गणपति सहित अन्य मंदिरों में भी विधि-विधान के साथ प्रतिमाएं स्थापित कर गणेशोत्सव का शुभारंभ किया गया। खजराना गणेश को 51 हजार मोदक का भोग लगाया गया।

ध्वजा पूजन से शुभारंभ, मोतियों का चोला चढ़ाया

खजराना गणेश मंदिर में 10 दिवसीय गणेशोत्सव का शुभारंभ सुबह कलेक्टर मनीष सिंह, निगमायुक्त प्रतिभा पाल व डीआईजी मनीष कपूरिया ने ध्वजा पूजन के साथ किया। मंत्री तुलसी सिलावट ने भी खजराना गणेश के दर्शन किए। परिसर स्थित सभी मंदिरों पर ध्वजा चढ़ाई गई। भक्त मंडल की ओर से गणेशजी को 51 हजार मोदक का भोग लगाया गया। 50 हजार से अधिक भक्तों ने दर्शन किए। मंदिर पर भव्य पुष्प बंगला सजाया गया। भजन भी हुए।

गीता भवन : 1008 लड्‌डुओं का लगाया भोग, किया पूजन

मनोरमागंज स्थित गीता भवन में साध्वी परमानंदा सरस्वती के सान्निध्य में गणेशोत्सव का शुभारंभ गणेशजी को 1008 लड्डुओं व दूर्वा से अर्चन के साथ किया गया। ट्रस्ट के मंत्री राम ऐरन ने बताया गणेशजी को भोग भी समर्पित किया गया। गणेशोत्सव के दसों दिन सुबह गणेशजी का पूजन, अर्चन भी होगा। प्रतिदिन सुबह 9 से 10.30 और शाम 5 से 6 बजे तक साध्वी परमानंदा सरस्वती के प्रवचन भी जारी रहेंगे।

हवन, पुष्पांजलि और महाआरती के साथ उत्सव शुरू

बड़ा गणपति मंदिर में 1008 चमत्कारिक नामों से अभिजीत मुहूर्त में आचार्य पं. रामचंद्र शर्मा वैदिक के आचार्यत्व में 11 विद्वानों ने गणेश अर्चना व हवन, पूजन किया। मंदिर के प्रमुख पुजारी धनेश्वर दाधीच ने बताया पारंपरिक रूप से सुबह गणेशजी के 1008 नामों से अक्षत व पुष्पों से अर्चना, हवन, महाआरती, पुष्पांजलि व प्रसाद वितरण किया गया।

मरीमाता चौराहा : रोज विभिन्न रूपों में सजेंगे गणेशजी

मरीमाता चौराहा स्थित श्री सिद्ध विजय गणेश मंदिर में गणेशोत्सव का शुभारंभ महाआरती, पुष्प शृंगार, छप्पन भोग समर्पण के साथ हुआ। सिद्ध विजय गणेशजी का शाही शृंगार किया गया। शनिवार से प्रतिदिन गणेशजी को तिरुपति बालाजी, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, अष्ट विनायक, दगड़ू सेठ एवं अन्य प्रसिद्ध मंदिरों की तर्ज पर विभिन्न रूपों में सजाया जाएगा।

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