इंदौर जिले के वरिष्ठ जिला पंजीयक श्री बालकृष्ण मौरे ने बताया है कि प्रायः यह तथ्य संज्ञान में आया है कि जिला अंतर्गत नोटरीकर्तागण द्वारा नियमानुसार नोटरी कार्य के लिये 50 रूपये के स्टाम्प/नोटरियल टिकट चस्पा नहीं किए जा रहे हैं। जिससे शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है। उन्होंने नोटरीकर्तागणों को सूचित किया है कि भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 की अनुसूची 1-क के अनुच्छेद-5 में उल्लेखित प्रावधान अनुसार शपथपत्र अर्थात लिखित में किया गया कोई कथन जो तथ्यों के कथन के लिये तत्पर्यित है, जो कथन करने वाले व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षरित है और जिसकी पुष्टि उसके द्वारा शपथ पत्र पर या उन व्यक्तियों के मामलों में जिन्हें विधि द्वारा घोषणा करने के लिए अनुज्ञात किया गया है, के दस्तावेजों पर पचास रूपये के स्टाम्प लगाये जायें। साथ ही अनुसूची 1-क के अनुच्छेद 45 में उल्लेखित प्रावधानों अनुसार नोटरी संबंधी कार्य अर्थात कोई ऐसी लिखत, पृष्ठांकन, टिप्पण, अनुप्रमाणन, प्रमाण पत्र या प्रविष्टि, जो प्रसाक्ष्य (कमांक 51) नहीं है और जो पब्लिक नोटरी द्वारा अपने पदीय कर्तव्यों के निष्पादन में या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा पब्लिक नोटरी के रूप में विधिपूर्वक कार्य करते हुए निष्पादित की गई है, के दस्तावेजों पर पचास रूपये के टिकट चस्पा कर नोटरी किए जाने का कष्ट करें ताकि शासन को राजस्व का नुकसान न हो।
0 टिप्पणियाँ