राज्य सरकार के आदेश के बाद 1 सितंबर से प्रदेशभर में छठी से आठवीं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खुल गए हैं। जिसके बाद अब जल्द इंदौर में 50% विद्यार्थियों के साथ कोचिंग संस्थान को भी खोला जा सकता है।
मंगलवार को कलेक्टर मनीष सिंह से कोचिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष व अन्य कोचिंग संचालकों के साथ मिले और उनसे कोचिंग संस्थान शुरू करने का निवेदन किया। कलेक्टर सिंह ने बताया कि सभी शैक्षणिक संस्थान शुरू हो रहे हैं। अब कोचिंग संस्थानों को भी शुरू किए जाने की दरकार बनी हुई है। कोचिंग संचालक अपने संस्थान शुरू कर सकेंगे। तकरीबन डेढ़ वर्ष बाद कोचिंग क्लासेस में छात्रों की रौनक लौटेगी, लेकिन कलेक्टर मनीष सिंह ने यह भी कहा कि सभी संस्थान को कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होगा। वह छात्रों को क्लास रूम में बिठाने में दूरी भी बनाना होगी।
50 फीसदी क्षमता के साथ कोचिंग संस्थान खोले जा सकेंगे
लंबे समय बाद कोचिंग क्लास संस्थान खोलने के आदेश कलेक्टर मनीष सिंह के द्वारा दिए गए हैं यह छात्र हित में लिया गया निर्णय है। दरअसल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में छात्रों को मार्गदर्शन की कठिनाई महसूस हो रही थी। इससे शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों के उन्नयन का लाभ मिलेगा। यहां प्रदेश के अलावा अन्य प्रदेशों से भी छात्र पढ़ाई के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां करते हैं, लेकिन कोरोना काल में कोचिंग संस्थान बंद होने से छात्रों को पढ़ाई में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था।
करीब 80 प्रतिशत स्कूल खुले चुके
सरकार की मंशा अनुसार अभी कक्षाओं में केवल 50 फीसद विद्यार्थियों को ही अनुमति दी गई थी । मुख्यमंत्री ने प्रदेश में प्राइमरी स्कूल खोलने के आदेश दे चुके हैं, जबकि छठी से आठवीं तक के स्कूल खोले जा चुके हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को स्कूल भेजने के लिए जरूरी पालकों के सहमति पत्र इंटरनेट मीडिया के माध्यम से भेज दिए थे।
0 टिप्पणियाँ