राजबाड़ा के आसपास की सड़कों की जमीन को 400 रुपए से लेकर 1 हजार रुपए प्रति रोज के हिसाब से देकर ठेकेदारी प्रथा के मामले में नगर निगम ने फुटकर, ठेले वालों, फेरी वालों को हटाने के बाद अब बड़े व्यापारियों के खिलाफ शिकंजा कस दिया है। इसी कड़ी में सोमवार को नगर निगम की टीम ने बाजार का दौरा किया तो पता चला कि कई बड़े दुकानदारों ने अतिक्रमण कर अपनी दुकानें आगे बढ़ा ली है। इस पर तत्काल अतिक्रमण हटाकर 5 दुकानें सील कर दी गई। इसके साथ ही इन दुकानदारों के संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
करीब एक पखवाड़े से यह मामला गर्माया हुआ है तथा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान तक भी पहुंचा था। इसके चलते पुलिस, प्रशासन व नगर निगम की टीमें सक्रिय हुई और पूरा राजबाड़ा और उसके आसपास के क्षेत्रों की सड़कों की जमीन को ठेकेदारी प्रथा से मुक्त किया। इसके चलते अब त्योहारों के पूर्व सारी सड़कें खुली है और ग्राहक आसानी से सभी बाजारों में जा रहे हैं। दूसरी ओर बड़े व्यापारियों के खिलाफ भी अतिक्रमण और अपनी दुकान की आगे की जमीन फुटकर विक्रेताओं को किराए पर देने की बात सामने आई थी।
पिछले दिनों कलेक्टर मनीषसिंह ने सख्ती के साथ कहा था कि व्यवसायी छोटा हो या बड़ा, ऐसे व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिर भले ही वह कितना बड़ा क्यों न हो। उनकी दुकानें सील करने के साथ गिरफ्तारी भी की जाएगी। फिर चार दिन पहले निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों की मीटिंग लेकर चेतावनी दी थी कि निगम द्वारा अब अतिक्रमण करने वाले बड़े दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत पहले वीडियोग्राफी की जाएगी और फिर हटाया जाएगा।
मामले में निगम ने पहले वीडियोग्राफी करवाई तो दूसरी ओर कुछ फुटेज पथ विक्रेता महासंघ ने भी उपलब्ध कराए। इसके बाद सोमवार दोपहर डिप्टी कमिश्नर लता अग्रवाल के निर्देश पर नगर निगम की रिमूवल गाडियां राजबाड़ा, सराफा, पिपली बाजार आदि क्षेत्रों में पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया। कई व्यापारियों ने पाइप लगाकर दुकानें काफी आगे बढ़ा ली थी। वे सब फटाफट सामान उठाने लगे। इस बीच नगर निगम टीम ने पांच दुकानों को सील कर दिया। सहायक रिमूवल प्रभारी बबूल कल्याणे ने बताया कि रितेश गंगलवानी की शिव शक्ति ड्रेसेस, पवन पंवार की सम्राट राजधानी, वासु बेग की गुरुकृपा, संतोष गुजराती व मोहसिन की ए टू जेड दुकानों का अतिक्रमण हटाकर और तत्काल प्रभाव से पांचों दुकानें सील कर दी गई हैं।
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