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इंदौर में नकली दस्तावेज:B.COM के दो छात्र महज 150 रुपए में बनाते थे फर्जी आधार, मार्कशीट, पैन कार्ड और लायसेंस, दोनों को किया गिरफ्तार

 

बाएं और अजय, दाहिनी तरफ प्रदीप - Dainik Bhaskar
बाएं और अजय, दाहिनी तरफ प्रदीप

इंदौर में B.COM के दो छात्रों का कारनामा सुनेंगे तो आप भी हैरान हो जाएंगे। दोनों महज 10 मिनट के अंदर किसी का भी आधार, मार्कशीट, पैन कार्ड, लायसेंस सहित आयुष्मान कार्ड भी बना देते थे। असली जैसे दिखने वाले इन कार्डों को कोई पहचान भी नहीं पाता था। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मुखबिर को व्हाट्सएप पर कुछ लोगों के फोटो दिए। जब मुखबिर दोनों छात्रों के पास पहुंचा तो महज 150 रुपए लेकर फर्जी आधार कार्ड बना दिया। इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया है।

बाणगंगा थाना के SI जबर सिंह यादव के अनुसार फरियादी राम सांखला निवासी हरदा की शिकायत पर आरोपी अजय हीरे और प्रदीप निवासी हरदा के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। दोनों शांति नगर में प्रियांशी ऑनलाइन नाम से दुकान चला रहे थे। दरअसल दोनों बीकॉम के छात्र हैं। वह प्रिंट पोर्टल एक्स वाई जेड की मदद से नकली आयुष्मान कार्ड, मार्कशीट, आधार कार्ड, पैन नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे समस्त दस्तावेज बना रहे थे। इसके लिए वह केवल डेढ़ सौ रुपए लेते थे। पुलिस ने जब उनके कंप्यूटर जब्त किए और उसकी छानबीन की तो 500 से ज्यादा नकली कार्ड उसमें मिले हैं। पुलिस अब उन लोगों की भी तफ्तीश कर रही है जिनके कार्ड कंप्यूटर से जब्त हुए है।

दोनों एक शहर के रहने वाले

पुलिस ने बताया कि दोनों छात्र बीकॉम फाइनल ईयर की तैयारी कर रहे थे और इलाके में 2 वर्ष पहले ही ऑनलाइन शॉप शुरू की थी। जहां पर रुपए कमाने के लालच में दोनों ने गूगल की सहायता से एक एप्लीकेशन डाउनलोड की। जिस पर किसी भी व्यक्ति का फोटो लगाते ही उसका फर्जी आधार कार्ड वोटर कार्ड बन जाता था।

प्रदीप इंदौर में परिवार के साथ 25 साल पहले आ गया था और उसका साथी अजय 3 साल पहले इंदौर रहने आया था। पढ़ाई के साथ-साथ रुपयों की जरूरत लगने पर उन्होंने कुछ दिन पहले एक दुकान किराए से ली और उसमें कंप्यूटर रखकर यह फर्जीवाड़े का काम शुरू किया।

सॉफ्टवेयर में सिर्फ और डालना पड़ता है फोटो

दोनों आरोपियों ने दुकान किराए से ली हुई थी और दो कंप्यूटर पुलिस को बरामद हुए। जिसमें से एक कंप्यूटर खराब था। वहीं दूसरे कंप्यूटर पर कोई भी व्यक्ति व्हाट्सएप पर फोटो लेकर इन्हें देता था और वह 10 मिनट के अंदर नकली पहचान पत्र बना कर उसे सौंप देते थे।

दोनों अपने माता पिता के साथ इंदौर में ही रहते हैं और दोनों के माता पिता मजदूरी करते हैं। रुपयों की जरूरत के चलते दोनों ने यह काम शुरू किया था। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। मामले में जल्द और भी खुलासे होने की संभावना है।

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