किसानो की बेहतरी , शहर में ट्रैफिक की समस्या और एक्सपोर्ट के मद्देनजर सालों पुरानी छावनी अनाज मंडी को कैलोद-माचला स्थित 100 एकड़ जमीन पर शिफ्ट कर एशिया की सबसे बड़ी मंडी बनाने के मामले में शुक्रवार देर शाम एक बैठक हुई। बैठक में व्यापारियों से सुझाव लिए गए। इस पर अधिकांश व्यापारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में हर अनाज व्यापारी साथ है लेकिन एशिया की सबसे बड़ी मंडी में पहले किसानों-व्यापारियों का हितों का ध्यान रखा जाए। इसमें रेलवे ट्रैक पास हो ताकि भाड़ा कम लगे और माल लाने-ले जाने में सुविधा हो। ऐसे ही एक्सपोर्ट प्रमोशन के लिए इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट टर्मिनल भी बनाए जाए ताकि गति मिले।
बैठक में मुख्य रूप से सांसद शंकर लालवानी, मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक रमेश मेंदोला, आकाश विजयवर्गीय, मालिनी गौड, महेेंद्र हार्डिया, पूर्व विधायक जीतू जिराती, भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, कृषि उपज व्यापारी संघ के अध्यक्ष मनोज काला, इंदौर तिलहन व्यापारी संघ के अध्यक्ष संजय अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष रामेश्वर असावा, प्रदेश महासंघ के अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल, मंत्री तरुण मंगल सहित कई व्यापारी उपस्थित थे।
व्यापारियों ने कहा कि मौजूदा छावनी अनाज मंडी 17 एकड़ में है लेकिन शहर के मध्य स्थित होने से न केवल किसानों, व्यापारियों व लोगों को बिगड़ते ट्रैफिक के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दूसरा बीते सालों में कारोबार इतना बढ़ गया है कि अब 17 एकड़ जमीन कम पड़ने लगी है। मंडी से जुड़े एक हजार से ज्यादा किसान व व्यापारी हैं और रोज 40 करोड़ तक का व्यापार होता है। अब कारोबार और बढ़ता जा रहा है लेकिन मंडी रहवासी क्षेत्र में होने से दोनों पक्षों को ही परेशानी होती है। सबसे ज्यादा समस्या मंडी की कम जगह और ट्रैफिक की है। ऐसे में 100 एकड़ में एशिया की सबसे बड़ी मंडी बनाया जाना अच्छी पहल है लेकिन हमारे सुझावों पर सही तरीके से अमल किया जाना जरूरी है।
व्यापारियों के खास सुझाव
- नई मंडी के पास रेलवे ट्रैक हो जिससे माल लाने-ले जाने में भाड़ा व समय कम लगे। अभी गाडियों से माल पहुंचाने के लिए 500 रु. प्रति क्विंटल भाडा है जबकि माल गाडी से 175 रु. प्रति क्विंटल। ऐसे में किसानों-व्यापारियों की प्राथमिकता मालगाडी की ही रहेगी।
- एक्सपोर्ट प्रमोशन के लिए मंडी में इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट टर्मिनल बनाए जाएं।
- गोदामों की साइज व सेक्टर्स का नीति-निर्धारण हो।
- नई मंडी के लिए कैलोद हाला-माचला के लिए जो 100 एकड़ की जमीन चिन्हित की है वह ग्रीन बेल्ट की जमीन है। उसमें व्यापारियों के लिए कलेक्टर गाइड लाइन का बंधन न हो। इसका मूल्यांकन मंडी समिति को दिया जाएं।
- मंडी की जरूरत से जुुड़ी सुविधाएं पेट्रोल पंप, बैंक, एटीएम, गोदाम, गेस्ट हॉउस, कृषि संबंधी सामान, वाहन आदि की सुविधाएं हो ताकि बाहर के किसानों व व्यापारियों को परेशानी न हो। बैठक करीब दो घंटे चली। इसमें कलेक्टर व जनप्रतिनिधियों ने व्यापारियों के कुछ सवालों का समाधान किया जबकि अधिकांश मुद्दों को अब मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा।
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