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पूर्व मंत्री और तीन विधायकों ने लगाए आरोप:सिंहस्थ मेला क्षेत्र भू-माफिया के षड्यंत्र का शिकार -पटवारी

 

12 वर्ष में सिंहस्थ का आयोजन किया जाता हे, वेदना का विषय यह है कि भाजपा के कैबिनेट मंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन, पूर्व निगम सभापति सोनू गेहलोत अन्य जनप्रतिनिधि वर्तमान में उज्जैन विकास योजना-2035 में सिंहस्थ क्षेत्र की अधिसूचित भूमियों के प्रयोजन को राजनीतिक और निजी स्वार्थों के चलते छिन्न-भिन्न कर रहे हैं।

यह आरोप मप्र कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष, पूर्व मंत्री और मीडिया प्रमुख जीतू पटवारी ने शनिवार को प्रेसवार्ता में लगाए। उन्होंने कहा पहली बार सामने आ रहा है जो सिंहस्थ क्षेत्र को सीमित करने और प्रस्तावित मास्टर प्लान में तय प्रावधानों को निजी स्वार्थों के चलते बदलने का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान विधायक तराना महेश परमार, विधायक बड़नगर मुरली मोरवाल, विधायक घट्टिया रामलाल मालवीय, जिलाध्यक्ष कमल पटेल भी मौजूद थे।

उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री, विधायक, सांसद बिल्डर लॉबी, भू-माफिया के इशारों पर पहले मास्टर प्लान में बेशकीमती जमीन को सिंहस्थ क्षेत्र में शामिल कराने की बात करते हैं, शासन को पत्र भेजते हैं और अपनी ही बात से बदल जाते हैं। सांसद व्हिप का बहाना बनाकर मीटिंग से गायब हो जाते हैं। विधायक पहले मास्टर प्लान में आपत्ति लेते हैं बाद में कहते हैं कि गलती हो गई। विधायक की आगर रोड की जमीनों को अधिसूचित क्षेत्र से मुक्त कराने के लिए यह दबाव बनाया जा रहा है।
कांग्रेस की मांग, सिंहस्थ के प्रति विजन

  • मास्टर प्लान 2035 में सिंहस्थ के लिए संपूर्ण अधिसूचित क्षेत्र सुरक्षित रखें। इसे डिनोटिफाइड करने का प्रयास न करें।
  • शिप्रा नदी के दोनों किनारों के 200 मीटर की सीमा में ग्रीन बेल्ट का संरक्षण पहले की तरह रखें। मास्टर प्लान 2021 के अनुसार ही रखें।
  • साबरमती की तर्ज़ पर प्रस्तावित रिवर कॉरिडोर पर स्नानघाट 100-100 मीटर के दायरे में रखते हुए 52 कुंड से शनि मंदिर तक शिप्रा नदी के दोनों किनारों पर सघन फलदार छायादार पौधरोपण करें।
  • उज्जैन के प्रस्तावित विकास योजना में मेट्रो रेल परियोजना को मूर्तरूप दें। उज्जैन को जोड़ने वाले सभी प्रमुख मार्गों को फोरलेन/सिक्स लेन करें।

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