शुक्रवार यानी आज से शहर में गणेशोत्सव की धूम शुरू होगी। प्रथम पूज्य देव एवं विध्नहर्ता भगवान गणेश की चतुर्थी पर शुक्रवार को शहर में घर घर गणेश की प्रतिमाओं का स्थापना कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा क्योंकि राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने सामूहिक आयोजनों पर रोक लगाई हुई है। ऐसे में भगवान गजानन कि घर-घर पूजा एवं स्थापना का सिलसिला शुरू होगा। जो कहीं पर एकादशी तक तो कहीं पर अनंत चौदस तक चलेगा। गणेशोत्सव के लिए शहर में कई स्थानों पर छोटी और बड़ी गणेश प्रतिमाएं विराजमान की जाएंगी। गणेशोत्सव को लेकर बच्चों में खासा उत्साह है।
एक-दो वर्ष हुआ गणेश महोत्सव, फिर किसी ने नहीं ली सुध
अस्पताल में स्थापित भगवान गणेश के मंदिर पर एक दो वर्ष तक शहर के भामाशाहों द्वारा खूब पूजा अर्चना की गई और गणेश महोत्सव के दौरान मंदिर की साज-सज्जा भी की गई लेकिन बाद में कोई ध्यान नहीं दिया गया l
वर्तमान में शहर के लोग इस मंदिर पर नहीं जाते लेकिन अस्पताल में आने वाले मरीजों के परिजन चिंतित मुद्रा में भगवान गणेश से मरीज को सही करने की गुहार लगाते हुए जरूर देखे जाते हैंl शहर की समाजसेवी एवं आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गोयल का कहना है कि इस मंदिर के प्रांगण में मरीजों के परिजनों के बैठे हुये और ऊपर वाले का स्मरण करते हुये देखा जाता है जहां आत्मबल की प्राप्ति होती है और शांति भी मिलती है लेकिन मंदिर अस्पताल प्रशासन की अव्यवस्थाओं के चलते उपेक्षा का शिकार है इस पर प्रशासन को और इसकी स्थापना करने वाले भामाशाहों को ध्यान देना चाहिए।
तत्कालीन एसडीएम ने भामाशाहों की मदद से 8 वर्ष पहले कराया था अस्पताल में गणेश मंदिर का निर्माण
बाड़ी अस्पताल में करीब 8 वर्ष पहले मेडिकल रिलीफ सोसायटी और शहर के भामाशाह के सहयोग से अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों की शांति आत्मबल एवं ऊर्जा प्रदान करने के लिए तत्कालीन उपखंड अधिकारी आरसी गुप्ता ने भामाशाह दिवाकर मंगल पुत्र जगदीश मंगल के सहयोग से मंदिर एव परिसर का निर्माण कराया था और मंदिर की सेवा पूजा के लिए पंचम दादा पुजारी को जिम्मेदारी सौंपी थी जिसमें यह आश्वासन भी दिया गया था कि मंदिर पुजारी को कुछ ना कुछ आर्थिक सहयोग मेडिकल रिलीफ सोसायटी दिया करेगी लेकिन बाद में उपखंड अधिकारी के ट्रांसफर के बाद बात आई गई हो गई और मंदिर पुजारी को आज तक मेडिकल रिलीफ सोसायटी द्वारा कोई आर्थिक सहयोग नहीं दिया गया है लेकिन पंचम दादा का कहना है कि भगवान की पूजा स्वार्थ से की जाये तो उसकी कोई सिद्धि नहीं है वे निस्वार्थ भाव से प्रतिदिन सुबह आकर मंदिर मैं गणेश भगवान को स्नान कराते और विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं lभगवान गणेश की यदि इच्छा होगी तो सब कुछ मिल जाएगा।
0 टिप्पणियाँ