इंदौर जिले में मलेरिया, डेंगू और अन्य जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिये व्यापक इंतजाम किये जा रहे है। घर-घर जाकर सर्वे, रोकथाम के प्रबंध करने तथा नागरिकों को बचाव के संबंध में जागरूक बनाने के लिये दल बनाये गये हैं। जिले में जिस तरह से कोरोना से निपटने के लिये समन्वित रूप से कारगर प्रयास किये गये थे, उसी तरह के समन्वित प्रयास उक्त बीमारियों से निपटने के लिये भी किये जा रहे हैं। यह जानकारी आज यहां कलेक्टर श्री मनीष सिंह द्वारा रवीन्द्र नाट्य गृह में ली गयी संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक में दी गई।
बैठक में नगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल सहित सभी अपर कलेक्टर, सभी एसडीओ, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर निगम के सभी झोनल अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के डाक्टर्स तथा पंचायत स्तर के कर्मचारी उपस्थित थे। बैठक में कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने अधिकारियों को दायित्व सौंपते हुये निर्देश दिये कि सभी अधिकारी सजग होकर अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी रखें। डेंगू तथा मलेरिया के रोगी पाये जाने पर उनका शीघ्र उपचार प्रारंभ करवायें। सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करें कि वे मलेरिया एवं डेंगू से बचाव के लिये सभी एहतियाती प्रबंध अपनायें। मलेरिया एवं डेंगू से बचाव ही उपचार का सुरक्षित तरीका है। इसकी रोकथाम आसान है। डेंगू बुखार का वायरस एक एड़ीज नामक मच्छर के द्वारा रोगी से स्वस्थ व्यक्ति में पहुंचता है। डेंगू का मच्छर साफ पानी में होता है। सभी अधिकारी यह प्रयास करे कि अनावश्यक रूप से कहीं भी जल जमाव नहीं होने देवें। जल जमाव वाले स्थान पर क्रूड आइल का छिड़काव करें। ग्रामीण तथा शहरी सभी क्षेत्रों में सघन रूप से मच्छर नाशक दवाईयाँ का छिड़काव अनिवार्य रूप से करें। ग्राम पंचायत तथा वार्ड स्तर पर सुक्ष्म कार्ययोजना बनाकर डेंगू तथा मलेरिया से बचाव के कार्य करें।
बैठक में बताया कि इंदौर शहर में मलेरिया विभाग, नगर निगम एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम बनाकर सर्वे तथा नियंत्रण के कार्य किये जा रहे है। ग्रामीण क्षेत्रों में आशा, आंगवाड़ी एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम बनायी गयी है। बताया गया कि इंदौर शहर के प्रत्येक झोन में तीन-तीन फॉगिंग मशीन से फॉगिंग करायी जा रही है।
बैठक में कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने निर्देश दिये कि अधिकारी को कोविड नियंत्रण के लिये सजग रहें। टेस्टिंग का कार्य निरंतर जारी रखें। कोविड पॉजिटिव मरीज पाये जाने पर उन्हें अस्पताल में आवश्यक रूप से भर्ती करवायें। कॉटेक्ट की ट्रेसिंग करें। संबंधित मरीज के घर को कंटेनमेंट झोन बनायें। श्री मनीष सिंह ने निर्देश दिये कि सभी लेब को हिदायत दे कि वे कोरोना टेस्ट कराने वाले सभी मरीजों का पता और फोन नंबर सहीं रूप से दर्ज करें। इस कार्य में लापरवाही बरतने पर संबंधित लेब के विरूद्ध कार्रवाई की जाये।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एस. सैत्या ने डेंगू तथा मलेरिया के कारण, लक्षण, बचाव, उपचार आदि के संबंध में जानकारी दी।
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