अब की बार भी 10 दिनी गणेशोत्सव की तस्वीर बदली हुई रहेगी। बड़ी मूर्तियां स्थापित नहीं हो सकेगी। न जुलूस निकलेगा और न ही सार्वजनिक कार्यक्रम किए जा सकेंगे। इसे लेकर जिला प्रशासन जल्द गाइडलाइन जारी रहेगा। कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए गाइडलाइन जारी होगी। हालांकि, भक्तों की संख्या में छूट दी जा सकती है।
जिला प्रशासन गणेश उत्सव मनाने के लिए भी सशर्त छूट ही देगा। एनजीटी के आदेश का सख्ती से पालन किया जाएगा। भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया इसे लेकर पहले ही स्थिति साफ कर चुके हैं। वर्तमान में POP की मूर्ति प्रतिबंधित की गई है। सिर्फ मिट्टी या गोबर की मूर्तियां बनाने की अनुमति ही है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के अनुसार 5 से 6 फीट से ज्यादा ऊंची मूर्तियां बनाने की भी अनुमति नहीं है।
सशर्त मिलेगी छूट
पंडाल, मूर्ति, भक्तों की संख्या आदि को लेकर जिला प्रशासन सशर्त छूट देगा। हालांकि, पिछली बार जैसी सख्ती नहीं रहेगी। पिछली बार पंडाल नहीं सजे थे और न ही कोई सार्वजनिक आयोजन हुए थे। लोगों ने घरों में ही मूर्तियों का विसर्जन किया था। अबकी बार प्रशासन विसर्जन के लिए जगह तय कर सकता है।
ये हो सकती है गाइडलाइन
- प्रतिमाओं की ऊंचाई 6 फीट से कम रहेगी। प्रशासन 4 से 5 फीट ऊंची प्रतिमा को लेकर आदेश जारी कर सकता है।
- सार्वजनिक रूप से पंडाल लगाने की सशर्त छूट दी जा सकती है। हालांकि, जगह सीमित ही रहेगी।
- डीजे आदि के बजाने की अनुमति नहीं होगी।
- धार्मिक जुलूस नहीं निकाले जा सकेंगे।
मूर्तिकार बोले- जल्द गाइडलाइन जारी करे प्रशासन
पिछले साल कोरोना की वजह से बड़ी प्रतिमाएं बनाने पर रोक लगाई गई थी। कई मूर्तिकार 4 से 8 फीट तक की मूर्तियां बना रहे थे। इसे लेकर प्रशासन ने कार्रवाई की थी। इस बार भी प्रशासन गाइडलाइन में बड़ी मूर्तियों को लेकर आदेश जारी कर सकता है। इसे देखते हुए मूर्तिकारों का कहना है कि प्रशासन जल्द गाइडलाइन जारी करें। ताकि वे न तो बड़ी मूर्तियां बनाए और न ही उसे बेचें।
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