आरोपी विमल गंगवाल
ईओडब्ल्यू ने 11 साल पहले आईडीए के रिटायर हो चुके इंजीनियर के घर छापे की कार्रवाई कर उसकी करोड़ों की संपत्ति का पता लगाया था। इस मामले में चालान भी पेश हो चुका है और कोर्ट में केस भी चल रहा है। इसी बीच ईओडब्ल्यू उसकी संपत्ति अटैच करने के लिए कोर्ट में आवेदन लगाया था। कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद उसकी डेढ़ दर्जन से अधिक प्रॉपर्टियों को अटैच करने की कार्रवाई शुरू हो गई। बची हुई प्रॉपर्टी को आज अटैच किया जा रहा है। जिसमें बसंत बिहार कालोनी तथा स्नेहलतागंज में आलीशान भवन , मेट्रो टावर में 07 दुकाने हैं , जंजीरवाले चौराहे पर एक दुकान है , स्कीम नम्बर 97 ग्राम राऊ , ग्राम करवासा , ग्राम डेहरिया बड़वाह में भी भूमि उपलब्ध हैं । इन सभी पर कुर्की की कार्यवाही प्रारम्भ की गई है ।
एसपी धनंजय शाह ने बताया कि 2010 में ईओडब्ल्यू ने आईडीए के तत्कालीन इंजीनियर विमल गंगवाल के घर छापे की कार्रवाई की थी। इसमें उसकी करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ था। इस मामले में कोर्ट में केस चल रहा है। ईओडब्ल्यू मामले में चालान भी पेश कर चुका है।
अगस्त 2016 में गए थे जेल
गंगवाल के पास आय से अधिक संपत्ति मिली थी। इसके बाद ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में आवेदन देकर उसकी संपत्ति अटैच करने की अनुमति मांगी थी। दो दिन पहले अनुमति मिलने के बाद ईओडब्ल्यू ने डीएसपी अजय जैन के नेतृत्व में टीमें बनाईं और उसकी संपत्ति अटैच करने की कार्रवाई शुरू की। बताते हैं कि तब इस संपत्ति का मूल्य डेढ़ करोड़ से अधिक आंका गया था। वर्तमान में यह संपत्ति करोड़ों की है। इसके पहले भी लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू कुछ लोगों की संपत्ति अटैच करने की कार्रवाई कर चुका है, लेकिन तीन दर्जन से अधिक संपत्तियों अटैच करने का यह पहला ही मामला है।
पत्नी-बेटे को भेज दिया था जेल
आय से अधिक संपत्ति के मामले में आईडीए (इंदौर डेवलपमेंट अथॉरिटी) के रिटायर्ड इंजीनियर विमल गंगवाल को विशेष न्यायालय ने पत्नी-बेटे समेत जेल भेज दिया था । ईओडब्ल्यू ने इन सभी को आरोपी बनाया था । चालान पेश होने के बाद से ही सभी कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहे थे। गंगवाल पहली पत्नी मीना और बेटे नितिन के साथ विशेष न्यायालय में हाजिर हुए। कोर्ट ने जमानत आवेदन खारिज करते हुए तीनों को जेल भेज दिया था । ईओडब्ल्यू ने गंगवाल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज कर 23 मई 2016 को चालान पेश किया था। कोर्ट में पेश चालान के मुताबिक, उन्होंने अवैध संपत्ति अपने, पहली पत्नी मीना, दूसरी पत्नी प्रतिभा और बेटे नितिन के नाम से खरीदी थी।
सुप्रीम कोर्ट तक गए, नहीं मिली जमानत
चालान पेश होने के बाद से गंगवाल विशेष न्यायालय में पेश नहीं हो रहे थे। लगातार अनुपस्थिति के चलते उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था । इसके चलते उन्होंने विशेष न्यायालय, दो बार हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जमानत की गुहार लगाई, लेकिन आवेदन खारिज कर दिया गया था ।
बीमार पत्नी का हवाला देकर मांगी थी जमानत
ईओडब्ल्यू को गंगवाल के पास करीब डेढ़ करोड़ रुपए मूल्य की अनुपातहीन संपत्ति मिली थी। विमल पांच साल पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके थे । उनकी पत्नी मीना बीमार थी । इसलिए उन्हें जमानत का फायदा दिया जाए।
0 टिप्पणियाँ