मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी मीटरीकरण में तेजी के लिए मीटरों के टेस्टिंग की अत्याधुनिक लैब तैयार कर रही है। इंदौर, उज्जैन, रतलाम, बड़वाह, बुरहानपुर, देवास, मंदसौर, धार आदि स्थानों पर कम्प्यूटराइज्ड ऑटोमैटिक टेस्टिंग बैंच स्थापित की गई है। हाई लेवल की इन टेस्टिंग लैबों पर 9 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इससे मीटरीकरण में तेजी आएगी, साथ ही जिन उपभोक्ताओं को मीटर पर संदेह लगेगा, वे अत्यंत कम समय में टेस्ट कराकर संतुष्ट हो सकेंगे। इसके लिए वे खुद लैब में मौजूद रहकर मीटर टेस्टिंग भी देख सकेंगे। इसके लिए नाममात्र का चार्ज रखा गया है।
कंपनी के चीफ इंजीनियर (टेस्टिंग) आरएस खत्री ने बताया कि एमडी अमित तोमर के निर्देश पर मीटर टेस्टिंग काम को तेजी से व सबसे अत्याधुनिक रूप में करने के लिए सभी खास लैबों का विस्तार किया गया है। इन स्थानों पर पूर्णतः कम्प्यूटराइज्ड रिपोर्ट अत्यंत कम समय में प्रदान की जा सकेगी। इससे मीटरीकरण काम में भी तेजी आएगी क्योंकि उपयोग के पहले बिजली कंपनी सभी मीटरों की खुद की लैब में भी जांच करती है। इसके साथ ही विजिलेंस एवं अन्य केसों के कामों के साथ ही उपभोक्ता संतुष्टि की दिशा में भी ये अत्याधुनिक मीटर टेस्टिंग स्थल कारगर साबित होंगे। कंपनी द्वारा चेक करने बाद भी उपभोक्ता असंतुष्ट हैं और वे मीटर चेक कराना चाहते हैं तो उन्हें 250 रु. चार्ज भरना होगा। इंदौर में पोलग्राउण्ड स्थित लैब में लोग अपने मीटर चेक करा सकते हैं। पिछले दिनों बड़वाह की अत्याधुनिक लैब का शुभारंभ हआ। यहां कंपनी क्षेत्र की मासिक मीटर टेस्टिंग कैपेसिटी एक पारी के हिसाब से 58 हजार मीटर हो गई है। तीन पारी में यह तिगुनी तक हो सकती है।
इंदौर व उज्जैन में एनएबीएल की तैयारी
मीटर टेस्टिंग लैबों में इंदौर और उज्जैन को सबसे अत्याधुनिक एवं राष्ट्रीय स्तर के पैमाने वाला स्वरूप दिया गया है। नेशनल एक्रेडिएशन बोर्ड फॉर कोलोब्रेशन एण्ड लेबोरेटरी (एनएबीएल) स्तर की ये दोनों लैब अगले तीन महीने में एनएबीएल सर्टिफाइड हो जाएगी। इससे वर्तमान में खरीदे गए मीटरों के अखिल भारतीय स्तर की लैब में भेजने पर होने वाला खर्च एवं समय बचेगा।
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