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सांप्रदायिक सद्भाव सम्मेलन में पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह:आरएसएस पर साधा निशाना, भाइयों को आपस में लड़ा रहा है

 

सांप्रदायिक सद्भाव सम्मेलन में पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह। - Dainik Bhaskar
सांप्रदायिक सद्भाव सम्मेलन में पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह।

मंगलवार को इंदौर आए पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह ने श्रम शिविर में आयोजित ‘सांप्रदायिक सद्भाव सम्मेलन’ में शिरकत की। यहां उन्होंने आरएसएस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आपस में भाइयों को लड़ाकर फूट डाल रहा है। ये घटनाएं हमने यहां देखी हैं। मालवा क्षेत्र में आरएसएस और हिंदू महासभा ने इस बात की कोशिश की है कि यहां वो सारी शक्तियां जो सांप्रदायिक सद्भाव रखना चाहती है उनका मनोबल कैसे गिराए और उन पर हावी हो।

उन्होंने कहा स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि जिस प्रकार नदियां अलग-अलग बहती हैं लेकिन बहते हुए आखिरकार समुद्र में जाकर शामिल हो जाती हैं। उसी प्रकार अनेक धर्म और सम्प्रदाय हैं, उनके रास्ते अलग हो सकते हैं लेकिन मंजिल एक है। ये लोग स्वामी विवेकानंद के विचारों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करते हैं जिसका अंदाजा भी आप नहीं लगा सकते।

प्रदेश में आदिवासियों के खिलाफ बनाया जा रहा माहौल

खरगोन में हुई घटना को लेकर सिंह ने कहा कि खरगोन में आदिवासी परिवारों पर डंडे बरसाए गए हैं व आंसू गैस के गोले छोड़े गए है। पूरे प्रदेश में आदिवासियों के खिलाफ डराने-धमकाने का माहौल बनाया जा रहा है। यह सबकुछ भाजपा और संघ के सुनियोजित योजना के तहत किया जा रहा है, जिसका हम विरोध करते हैं। मशहूर गीतकार जावेद अख्तर के बयान पर उन्होंने कहा कि वे देश के प्रतिष्ठत विचारक हैं। उन्होंने किस संदर्भ में यह बात कही, उसकी जानकारी नहीं है लेकिन इस देश के संविधान ने हमें अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता दी दी।

9 लाख करोड़ के नए नोट कहां से आए कोई नहीं बताता

उन्होंने महंगाई के सवाल पर कहा कि हम तो हमेशा ही कहते आए हैं कि मोदी बनाम बर्बादी। मोदी ने नियम, कानून और संविधान को कोई ज्यादा तवज्जो नहीं दी है। नोटबंदी के दौरान उन्होंने ने कहा था कि हम डिजिटल करंसी की तरफ जा रहे हैं।नोट का सर्कुलेशन कम होगा। उन्होंने उस वक्त चार बाते कही कि कालाधन वापस आ जाएगा, भ्रष्टाचार-आंतकवाद समाप्त होगा व नकली नोट खत्म हो जाएंगे, लेकिन कुछ नहीं हुआ। 2016 में जब नोटबंदी हुई उस वक्त 18 लाख करोड़ की करंसी सर्कुलेशन में थी। अगर डिजिटल ट्रांजिक्शन बढ़ते तो करंसी कम होती। आज आरबीआई के रिकॉर्ड बताते हैं कि वही करंसी बढ़कर मार्केट में 27 लाख करोड़ हो चुकी है। ये 9 लाख करोड़ नए नोट आए कहां से आए इसका जवाब कोई नहीं देता। उन्होंने कहा मुझ पर जहां आरएसएस ने मानहानि के दावे किए हैं वहीं ओवीसी और रामदेव बाबा ने भी मानहानि का दावा किया है लेकिन मैं इन बातों से नहीं डरता। मैं जो कहता हूं वह प्रमाण के साथ कहता हूं।

लव जिहाद की क्या जरूरत है ?

उन्होंने कहा कि एक तरफ मोहन भागवत कहते है हिंदू-मुस्लमानों का डीएनए एक है। अगर डीएनए एक है तो लवजिहाद की क्या जरूरत है? इस सांप्रदायिक सद्भाव सम्मेलन का आयोजन सभी ट्रेड यूनियन व सामाजिक संगठनों द्वारा किया गया जिसमें बड़ी संख्या में कांग्रेस, इंटक और अन्य पार्टियों के लोग शामिल थे।

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