राजबाड़ा और उसके आसपास के क्षेत्रों की ‘ठेकेदारी प्रथा’ के तहत सड़कों पर छोटे व्यापारियों व ठेलों वालों द्वारा कब्जा करने के मामले में नगर निगम की कार्रवाई तीन दिन से जारी है। दूसरी ओर छोटे व्यापारी और उनसे जुड़े बाहुबली लोग भी लगातार सक्रिय हैं कि निगम टीम के जाते ही वे फिर से कब्जा दुकानें जमाए। इसे लेकर नगर निगम ने इस बार नया तरीका अपनाया है। वहां के प्रमुख 15 से ज्यादा बाजारों में निगम की टीम गाड़ियां के साथ सुबह से शाम तक सक्रिय हैं तथा अनाउंसमेंट करा रही हैं। दूसरी ओर व्यापारियों का कहना है कि यह व्यवस्था स्थाई होगी तो ही उनका व्यापार चलेगा अन्यथा नहीं। अगर हम कमाएंगे तो सरकार को खजाना भरेगा। हमारा व्यापार नहीं तो सरकार को भी नहीं।
दरअसल, हजारों व्यापारियों की पीड़ा यह है कि 16 माह के कोरोना काल में उनका व्यापार वैसे भी ठप ही रहा है। पिछले बार भी कोरोना के कारण बाजार कम खुले और व्यापार नहीं हो सका था। अब संक्रमण नियंत्रण में है तो छोटे व्यवसायियों ने सड़कों पर कब्जा तो कर ही लिया था और अब कई नए ठेले वाले व फेरी वाले भी बाजार में आ गए क्योंकि उनके पास भी धंधा नहीं है। ऐसे ही पूर्वी क्षेत्र से राजबाडा के पास से बाजारों में जाने का वन वे रास्ता केवल गोपाल मंदिर का ही है। यहीं से सराफा, निहालपुरा, पिपली बाजार, कसेरा बाजार, बड़ा सराफा, बोहरा बाजार, सीतलामाता बाजार, मल्हारगंज में जाया जा सकता है। अभी गोपाल मंदिर जहां 135 दुकानें हटाई थी, वहीं से छोटे व्यवसायियों का इतना जमावड़ा है कि ग्राहक टू व्हीलर तो दूर पैदल भी ठीक से नहीं सकते। ऐसे में सारे बाजारों का व्यापार चौपट हो गया है।
अब आसानी से हर बाजार में पहुंच रहे ग्राहक
मौजूदा व्यवस्था में छोटे व्यवसायियों व ठेले वालों को हटाने से सड़कें अब चौड़ी दिखने लगी है और ग्राहक सभी बाजारों में पहुंच पा रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि अब त्यौहार शुरू हो गए हैं तो यह व्यवस्था स्थाई और मजबूत होना चाहिए ताकि व्यापार अच्छे से चल सके। उनका यह भी कहना है कि हम किसी का अहित नहीं चाहते लेकिन सड़क पर कब्जे की ठेकेदारी प्रथा बंद हो और छोटे व्यापारियों को कहीं अन्य हॉकर्स जोन में स्थान दिया जाए।
व्यापारियों की बात वैलिड : निगम कमिश्नर
बुधवार को इसे लेकर अहिल्या चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स की मध्य क्षेत्र के व्यापारियों के साथ बैठक हुई। इसमें पदाधिकारी रमेश अग्रवाल ने कहा कि अतिक्रमण के मसले पर बार सभी व्यापारी एकजुटता से लड़ेंगे। अगर खुद व्यापारी शटर से बाहर अतिक्रमण करें तो निगम कार्रवाई के लिए स्वतंत्र हैं। क्लॉथ मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष हंसराज ने कहा कि निगम व्यापारियों की परेशानी समझे और काम करें। इंदौर रेडिमेड गारमेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अक्षय जैन का कहना है हम व्यवसायियों का पेट पलेगा तो ही शासन का खजाना फलेगा। हम व्यापार करने में कमजोर रहे तो शासन को खजाने में खालीपन ही मिलेगा। मामले में निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने कहा कि व्यापारियों की बात वैलिड है। सड़कों पर कब्जे से आमजन को भी परेशानी होती है। इस मामले में कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
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