जिला न्यायालय ने बुधवार को शादी के बाद महिला की हुई मौत के मामले में पति और सास को 10 -10 साल की सजा सुनाई गई है। घटना के समय पीड़ितों ने सुसाइड नोट में ससुराल वालों से तंग आकर आत्महत्या करने की बात लिखी थी। मामले की सुनवाई करते हुए इंदौर द्वितीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम कुमार डाबी ने यह फैसला सुनाया।
संजय शुक्ला अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि शादी के 7 महीने में ही महिला की मौत के मामले में पति, सास को 10-10 साल की सजा सुनाई है। उचावद की शीतल पिता ओंकारलाल की शादी 31 जनवरी 2013 को चार्टर्ड अकाउंटेंट आनंद पिता राजाजी निवासी नर्मदा नगर इंदौर के साथ हुई थी। शीतल एमए कर रही थी। शादी में शीतल के घर वालों से एक लाख रुपए मांगे थे।
रक्षाबंधन के पहले पचास हजार रुपए की मांग की थी। सास तुलसीबाई, पति आनंद और रिश्तेदार उसे परेशान करते थे। जिससे तंग आकर शीतल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सुसाइड नोट में लिखा था कि काश आप मुझे समझ पाते। पुलिस ने जब शीतल के परिवार वालों के बयान लिए तो दहेज यातना की बात सामने आई थी। परिवार के लोगों ने आरोप लगाया था कि दो लाख रुपए नहीं देने पर उसे सताया जा रहा था और रोजाना उसके साथ मारपीट भी की जाती थी। जिससे शीतल तंग आ चुकी थी। शादी को मात्र सात महीने ही हुए थे और उसने मौत का रास्ता चुन लिया।
मृतक ने सुसाइड नोट में लिखा था- काश! आप मुझे समझ पाते
घटना के बाद शीतल के पिता ओंकार ने पुलिस को यह बयान दिए थे कि 31 जनवरी 2013 को शीतल की शादी आनंद निवासी विष्णु पूरी से हुई थी। आनंद पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट का काम करता था। शीतल M.A तक पढ़ाई की थी। वो इंदौर में आगे भी पढ़ाई करना चाहती थी। सुसराल वाले शादी के कुछ महीने बाद से ही दहेज के लिए 1 लाख मांगे थे। जिससे परेशान होकर शीतल ने सुसाइड कर लिया था। उसने सुसाइड नोट में लिखा था कि काश! आप मुझे समझ पाते और फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिला न्यायालय द्वारा प्रति परीक्षण करते हुए पति और सास को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है।
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