नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उज्जैन हवाई पट्टी को विकसित करने के संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। सिंधिया ने कहा है कि राज्य सरकार हवाई पट्टी को विकसित करने के लिए जमीन उपलब्ध कराए। उज्जैन हवाई पट्टी मध्यप्रदेश सरकार के स्वामित्व में है। ऐसे में इसके विकास में खर्च होने वाली अनुमानित राशि 200 करोड़ रुपए आंवटित करने का अनुरोध सिंधिया ने किया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि आरसीए-उड़ान योजना के तहत उज्जैन हवाई पट्टी के लिए अभी तक कोई बोली (बिड) प्राप्त नहीं हुई है। इसकी वजह यह है कि उज्जैन हवाई पट्टी पर 95 एकड़ जमीन उपलब्ध है। यहां का रनवे केवल प्रशिक्षण विमान के लिए उपयुक्त है। उन्होंने बताया कि इस हवाई अड्डे के मास्टर प्लान का अवलोकन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने कर लिया है।
AAI के अनुसार ATR 72 विमान के परिचालन के लिए फेज-1 में विकास के लिए 252 एकड़ अतिरिक्त जमीन और एयर बस 320 विमान के परिचालन के लिए फेज-2 में 207 एकड़ अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता है। इसके साथ ही उज्जैन-देवास राजमार्ग और इसके पूर्व में सड़क का डायवर्जन जरूरी है। इससे पहले सिंधिया ने आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों से हवाई अड्डों के लिए भूमि आवंटन के लिए पत्र लिखा था।
सिंधिया ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि हवाई अड्डे के लिए भूमि आवंटन के मामलों में निजी हस्तक्षेप का अनुरोध किया है ताकि उनके विकास के कार्य में तेज़ी लाई जा सके और महकाल की नगरी को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ा जा सके। बता दें, सिंधिया सोमवार को बाबा महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आए थे। इससे पहले उन्होंने केंद्र में मंत्री बनने के बाद मालवा-निमाड़ में आशीर्वाद यात्रा भी निकाली थी।
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