इंदौर के इंदौर के राजबाड़ा और उसके आस-पास की सड़कों पर फुटपाथ, दुकानदारों, ठेले वालों व फेरी वालों द्वारा कब्जा कर कारोबार करने के मामले में नया खुलासा हुआ है। व्यापारियों द्वारा टैक्स नहीं भरने की चेतावनी दी गई थी। इसके बाद अंतत: नगर निगम ने व्यापारियों की सुध ले ली। इसके पीछे परदे की कहानी कुछ और ही है। राजबाड़ा और उसके आसपास के 12 से ज्यादा व्यापारिक संगठन इस मामले में लगातार गुहार कर रहे थे, लेकिन निगम ने एक-दो बार कार्रवाई के बाद कोई एक्शन नहीं लिया।
दूसरी ओर राजबाड़ा और उसके आसपास 432 ऐसे ठिए हैं। जहां ठेकेदारी प्रथा है। यानी गुंडे, नेता समर्थकों ने सड़कों पर 5X5 फीट के ठियों पर सालों से कब्जा कर फुटपाथ व्यवसायियों, ठेले वालों आदि को 400 रुपए से लेकर 1 हजार रुपए प्रतिदिन के किराए पर दिए हुए हैं। ये प्रभावशाली लोग कभी कार्रवाई नहीं होने देते। इस बीच एक ऐसे ही सौदा संबंधी ऑडियो मुख्यमंत्री के नजदीकी रहे व्यक्ति के पास पहुंची तो मामला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संज्ञान में आया। फिर वहां से निर्देश मिलते ही अधिकारियों ने व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों को बुलाया व मुनादी कराई।
मंगलवार को नगर निगम और पुलिस की कई गाड़ियां राजबाड़ा क्षेत्र में रही और 400 से ज्यादा ठियों वालों को जमने नहीं दिया और कइयों का सामान जब्त कर लिया। हालांकि 4 घंटे बाद ही जब नगर निगम की पीपली बाजार पहुंची तो हलचल तेज हुई और कार्रवाई फिर ठंडी पड़ गई। बताया जाता है कि ये ठेकेदारी प्रथा 2018 से चल रही है। यहां सड़क की छोटी जमीन भी बेशकीमती है। पहले यहां दबंग नेता समर्थकों ने रोज कब्जा कर धंधा किया। इस दौरान पुलिस और निगम की टीम के साथ सांठगांठ उनकी सेवाएं की। फिर ये ठिए किराए से दे दिए हैं। यही कारण कि अब इन सड़कों पर 432 ठिए हो गए हैं और फेरीवालों की संख्या अलग है। वैसे ठेकेदारी प्रथा से जुड़े करीब 20 प्रभावशील लोग हैं। जिनमें तीन महिलाएं भी हैं। इन सभी ने ये ठिए किराए से दे रखे हैं। ये किराएदार भी रोज पुलिस, निगम की सेवा करते हैं।
मंगलवार को निगम व पुलिस की गाड़ियां गईं तो इस बार किसी ने विरोध नहीं किया। हालांकि जिन लोगों ने फिर भी दुकानें सजाई थीं, उनके सामान उठा लिए। इसके चलते सड़क चौड़ी और खुली-खुली दिखने लगी। इस दौरान लोगों को आवाजाही में काफी सुविधा हुई। निगम की गाड़ियां पूरे क्षेत्र में फुटपाथ व्यवसायियों और ठेलेवालों को चेतावनी देते रही, लेकिन दोपहर बाद रुख ठंडा पड़ गया। वैसे पुलिस-प्रशासन के पास ठेकेदारी प्रथा से जुड़े सभी प्रभावी लोगों के नाम पहुंच गए हैं। अब देखना है कि अब क्या कार्रवाई की जाती है। इस बीच इन लोगों से जुड़े कुछ छोटे नेता अधिकारियों से मिले और कि कार्रवाई करने इनके सामने रोजी-रोटी का संकट हो जाएगा। उधर, सारे व्यापारी इस बार लामबद्ध हैं, क्योंकि आने वाले दिनों में कई त्योहार हैं। पिछले साल कोराना के कारण करोड़ों का व्यापार नहीं हुआ था। इस बार अगर प्रशासन कार्रवाई जारी नहीं रखता है तो व्यापारी टैक्स नहीं देंगे और उग्र आंदोलन करेंगे।
भाजपा नेता का अतिक्रमण भी हटाया, बाधा डालने पर बेटे पर केस
इस बीच नगर निगम ने राजबाड़ा, महालक्ष्मी मंदिर के पास भाजपा नेता कमाल खान की दुकान के आगे का अतिक्रमण भी हटाया। इस दौरान कमाल खान के बेटे मास खान ने अधिकारियों से हुज्जत की और बड़े नेताओं के नामों से दबाव बनाने की कोशिश की और अपने साथियों के साथ हंगामा किया लेकिन एक नहीं चली। मामले में पुलिस ने मास खान व अन्य के खिलाफ सरकारी में बाधा डालने सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।
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