देश में गोल्ड स्टॉक एक्सचेंज खुलने का रास्ता साफ हो गया है। इसमें सोने की ट्रेडिंग इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट (EGR) के रूप में शेयर की तरह होगी। इसे भुनाकर सोना भी लिया जा सकेगा। बाजार नियामक सेबी की मंगलवार को हुई बोर्ड बैठक में गोल्ड एक्सचेंज और सेबी (वॉल्ट मैनेजर्स) विनियम, 2021 के फ्रेमवर्क को मंजूरी दी गई। ट्रेडिंग के लिए ईजीआर का अंकित मूल्य मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज सेबी की मंजूरी लेकर तय कर सकेंगे।
ईजीआर की कोई समाप्ति तिथि नहीं होगी और ईजीआर धारक जब तक चाहें इसे अपने पास रख सकेंगे और जब चाहें ईजीआर को सरेंडर कर वॉल्ट से उस वक्त के मूल्य के आधार पर सोना ले सकेंगे। ईजीआर को प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम, 1956 के तहत एक सिक्युरिटी के रूप में अधिसूचित किया जाएगा। कोई भी मान्यता प्राप्त या नया स्टॉक एक्सचेंज एक अलग सेगमेंट में ईजीआर ट्रेडिंग शुरू कर सकता है।
सेबी के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा
गोल्ड एक्सचेंज में न्यूनतम कितने मूल्य या कितने वजन तक का ईजीआर ट्रेड हो सकेगा, यह अभी तय नहीं है। गोल्ड स्टॉक एक्सचेंज में 50 करोड़ से अधिक नेट वर्थ वाली कंपनियां वॉल्ट मैनेजर बन सकेंगी। उन्हें सेबी के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा। भारत सोने का चीन के बाद दूसरा बड़ा उपभोक्ता है। भारतीय बाजार में हर साल 800 टन सोना खपता है। ऐसे में गोल्ड एक्सचेंज को बड़ी सफलता मिल सकती है।
सोने की कीमतें तय होने में पारदर्शिता बढ़ जाएगी
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक एक्सचेंज सोना खरीद-बिक्री का राष्ट्रीय मंच होगा। इससे बाजार में सोने का एक राष्ट्रीय मूल्य तय हो सकेगा। अभी देश के अलग-अलग शहरों में सोने के दाम में कई बार 2 हजार रु. प्रति 10 ग्राम का अंतर रहता है।
सोशल स्टॉक एक्सचेंज को भी सेबी ने मंजूरी दी
सेबी ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज को भी मंजूरी दी है। सोशल इंटरप्राइजेज इसके जरिए बाजार से पूंजी जुटा सकेंगी। एसएसई सेबी के नियामकीय दायरे में आएगा। हालांकि, इसके शुरू होने की समयसीमा तय नहीं है। यूरोप, उत्तर-दक्षिण अमेरिकी देशों में सोशल स्टॉक एक्सचेंज हैं।
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