सरकारी जमीन के दस्तावेजों की जालसाजी कर वहां बिना डायवर्सन की जमीन पर पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट खोलने के मामले में कलेक्टर मनीषसिंह के निर्देश पर देवी अहिल्या नर्सिंग कॉलेज के डायरेक्टर अजय पुत्र मदनलाल हार्डिया के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है।
मामला ग्राम बड़ौदा अर्जुन स्थित जमीन का है। यह जमीन धूलजी पुत्र बृजलाल भिलाला द्वारा श्रवण पुत्र माणकचंद व महेंद्र कुमार पुत्र लक्ष्मीनारायण को बेची की गई थी। ऐसे ही पास की एक अन्य जमीन जगन्नाथ पुत्र राजाराम द्वारा जगदीश मंत्री पुत्र नाथूलाल को बेची की गई। उक्त दोनों जमीन के बेचवाल धूलजी एवं जगन्नाथ अनुसूचित जनजाति के होने से तत्कालीन कलेक्टर द्वारा इस शर्त के साथ बेचने की अनुमति प्रदान की गई थी कि आवेदक इस जमीन के बदले अन्य जमीन खरीदने करने के बाद रजिस्ट्री करें और खरीदने वाले द्वारा इस जमीन का उपयोग केवल कृषि काम के लिए किया जाए। इसके बाद श्रवण कुमार एवं महेंद्र कुमार द्वारा ज्योति पति अजय हार्डिया को बेची गई एवं दूसरी जमीन भी जगदीश पुत्र नाथूलाल मंत्री द्वारा अजय हार्डिया को बेची गई।
फिर दोनों जमीनों के लिए T&CP से लेऑउट स्वीकृति के लिए ज्योति हार्डिया एवं जगन्नाथ द्वारा आवेदन पेश किया गया। इसमें एक जगन्नाथ वाली जमीन का डायवर्शन नहीं कराया क्योंकि अजय हार्डिया एवं ज्योति हार्डिया यह जानकारी रखते थे कि कलेक्टर द्वारा जमीन बेचने की अनुमति की शर्त के अनुसार उसका उपयोग कृषि काम के लिए ही हो सकता है। इस बीच लंबी प्रक्रिया के तहत अजय हार्डिया एवं ज्योति हार्डिया द्वारा पूर्व जमीन मालिक जगन्नाथ के फर्जी हस्ताक्षर कर तथ्यों को छिपाया और टीएण्डसीपी को अंधेरे में रखकर अनुमति एवं लेआउट स्वीकृत करा लिया। इसके आवेदन में सर्वे नंबर का उल्लेख भी नहीं किया। इसके बाद उक्त डायवर्शन की जमीन पर देवी अहिल्या नर्सिंग कॉलेज नाम से पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट खोला व व्यवसायिक उपयोग कर शासन के साथ भी धोखा किया। मामले में अपर तहसीलदार टप्पा क्षिप्रा तहसील सांवेर की कोर्ट केस में दिए गए आदेश के पर कॉलेज के डायरेक्टर पर अजय पिता मदनलाल हार्डिया द्वारा के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।
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