आरआरएल तिराहा से मिसरोद तक सड़क के दोनों ओर कुल 12 किमी का साइकिल ट्रैक बनाने पर 4.81 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इसी दौरान उस पर रेड पेंट करने, बोलार्ड लगाने आदि पर 1.40 करोड़ रुपए खर्च किए गए। दो साल तक ट्रैक की धुलाई पर 70 लाख रुपए खर्च किए गए। और अब 2.5 करोड़ रुपए में इसका मैंटेनेंस करने की तैयारी है। जगह-जगह से उखड़ चुके इस ट्रैक पर दिन भर में 50 साइकिल भी नजर नहीं आती हैं।
स्मार्ट सिटी कंपनी ने हाल ही में साइकिल ट्रैक के मेंटेनेंस के लिए ऑफर बुलाए हैं। 4 साल के भीतर ही ट्रैक बदहाल हो जाने से साफ है कि इसके निर्माण में क्वालिटी का ध्यान नहीं रखा गया। होशंगाबाद रोड पर बीआरटी कॉरिडोर बनाने के बाद से ही ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल है। बीआरटीएस के तहत लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट का एंड टू एंड सालूशन देने के नाम पर आरआरएल से मिसरोद तक सड़क के दोनों ओर कुल मिलाकर 12 किमी लंबा साइकिल ट्रैक का निर्माण हुआ।
इसके लिए विवादों के बीच बड़े पैमाने पर जमीन अधिग्रहण हुआ और सितंबर 2017 में इस साइकिल ट्रैक पर स्मार्ट सिटी कंपनी ने पब्लिक बाइक शेयरिंग शुरू की। यानी जो साइकिल ट्रैक भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) ने बनाया, वह स्मार्ट सिटी कंपनी के पास पहुंच गया।
साइकिल ट्रैक को आधा करके भी टू व्हीलर लेन बना सकते हैं
खाली रहता है 5 मीटर चौड़ा ट्रैक
5 मीटर चौड़ा यह साइकिल ट्रैक दिन भर खाली रहता है। सुबह के समय कुछ लोग शौकिया साइकिल चलाते हैं, उसके बाद यहां या तो मवेशी बंधते हैं या गाड़ियां पार्क होती हैं। अन्य शहरों में साइकिल ट्रैक 2.5 मीटर चौड़ा ही बनाया गया है।
टू व्हीलर लेन बन सकती है
राजधानी में 70 फीसदी वाहन टू व्हीलर हैं और होशंगाबाद रोड पर बढ़ते ट्रैफिक के दबाव को कम करने के लिए एक टू व्हीलर लेन की जरूरत महसूस की जा रही है।इस साइकिल ट्रैक को आधा करके भी टू व्हीलर लेन बनाई जा सकती है।
कॉन्ट्रेक्टर से ही रिपेयर कराएंगे साइकिल ट्रैक
- मैंने साइकिल ट्रैक की स्थिति देखी है, उसे रिपेयरिंग की जरूरत है। जिस कॉन्ट्रेक्टर को काम दिया है, उससे रिपेयर कराया जाएगा। मेंटेनेंस पर खर्च की हम समीक्षा कर रहे हैं। - वीएस चौधरी कोलसानी, कमिश्नर, नगर निगम
पीएमओ को करेंगे शिकायत
साामजिक कार्यकर्ता जितिन राठौर ने कहा कि खर्चे को लेकर आरटीआई में जो जानकारी मिली है, वह चौंकाने वाली है। हम इसकी प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत करेंगे।
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