इंदौर। छात्रों को जिम्मेदार और उत्तरदायी होना चाहिए। उन्हें अन्य कंपनियों में काम करने की अपेक्षा स्वयं का साम्राज्य निर्माण करने के बारे में सोचना चाहिए ताकि वे अन्य लोगों को रोजगार दे सकें क्योंकि भारत को अब नए उद्यमियों की जरूरत है, यह बात भारत सरकार की एमएसएमई मंत्रालय की एक्सटर्नल एडेड मिशन की प्रमुख, विनीता हरिहरन ने प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, इंदौर ने नए स्नातकोत्तर एमबीए बैच 2021-23 के नव प्रवेशित छात्र छात्राओं के "दीक्षारंभ समारोह" को संबोधित करते हुए कही ।
बर्लिन स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेज, जर्मनी के रेक्टर और सीईओ डॉ. क्यारीकोस कौवेलियोटिस ने कहा, 'आज की दुनिया में वैश्विक शिक्षा महत्वपूर्ण है तथा निरंतर प्रयास से कुछ भी संभव है। गतिशील वातावरण के अनुसार व्यक्तित्व में परिवर्तन करने पर बल देते हुए उन्होंने छात्रों से कहा कि उन्हें वही करना चाहिए जो उन्हें अच्छा लगता है। लाइफ कोच राजीव अग्रवाल ने छात्रों से ऊंचे सपने देखने की अपील करते हुए उनके साथ उन्होंने अपने वास्तविक जीवन के अनुभव भी साझा किए।
उद्यमिता, नवाचार और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ, डॉ निखिल अग्रवाल ने छात्रों से कहा कि वे विपरीत परिस्थितियों का एक अवसर के रूप में उपयोग करें। ऐसे कई उद्यमियों जिन्होंने कोरोना महामारी को एक अवसर के रूप में उसका लाभ लेकर उद्द्यमी बने, का उदाहरण साझा करते हुए कहा कि जीवन में विपरीत परिस्थितियाँ एक महान अवसर का सृजन कर सकती हैं।
प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ डेविश जैन ने छात्रों से प्रेस्टीज प्रबंध संस्थान में अपनी नई शैक्षणिक यात्रा में स्वयं को परिष्कृत और पुनर्मूल्यांकन करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सफलता के कई आयाम हैं और छात्रों से कहा कि वो स्वयं में वो बदलाव लाएं जो वे दुनिया में देखना चाहते हैं। प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के सीओओ, डॉ अनिल बाजपेयी ने इस अवसर पर डॉ निखिल अग्रवाल को उद्यमिता, नवाचार और विश्व स्तर पर भारतीयों को जोड़ने में उनके योगदान के लिए `` उत्कृष्ट एल्युमिनस पुरस्कार; से सम्मानित किया।
प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के निदेशक हिमांशु जैन ने अपने उद्बोधन में एमबीए बैच 2021-23 के सभी नव प्रवेशित छात्रों का स्वागत किया।
प्रेस्टीज प्रबंध संस्थान की वरिष्ठ निदेशिका डॉ योगेश्वरी फाटक ने नए एमबीए बैच 2021-23 के छात्रों का स्वागत करते हुए उन्हें मां दुर्गा, महाकाली, महालक्ष्मी तथा महासरस्वती रूपी चार शक्तियों की शक्ति पर आधारित प्रबंधन मंत्र दिए।
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