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मास्टर प्लान 2035 का रिव्यू:इंदौर के चारों ओर पार्किंग लॉट होंगे, कोचिंग सेंटर्स में सुविधाओं पर जोर; बड़े क्षेत्रों में नए ट्रांसपोर्ट नगर

 

मास्टर प्लान 2035 का रिव्यु करते कलेक्टर। - Dainik Bhaskar
मास्टर प्लान 2035 का रिव्यु करते कलेक्टर।

मास्टर प्लान -2021 के रिव्यू के तहत सोमवार को शहर की वर्तमान तथा भावी व्यापार व कमर्शियल सेक्टर के विजन, आवश्यकताओं पर विचार-विमर्श करने के लिए कलेक्टर मनीषसिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में नगर निगम, आईडी, हाउसिंग बोर्ड, पीडब्ल्यूडी, क्रेडाई इन्दौर, बिल्डर्स एसोशिएशन, विभिन्न मण्डी एसोसिएशन के अधिकारी-पदाधिकारी उपस्थित थे। इसमें कलेक्टर ने कहा कि मास्टर प्लान 2035 के तहत इंदौर के चारों ओर पार्किंग लॉट बनाने का प्रावधान जोड़ा जाएं। इन पार्किंग लॉट में मण्डी में आने-जाने वाले ट्रक पार्क किए जा सकेंगे एवं इन पार्किंग एरिया का मेन्टेनेंस भी मण्डी एसोसिएशन द्वारा किया जा सकेगा। इससे शहर में बढ़ रहे ट्रैफिक को भी व्यवस्थित कर शहर के ट्रैफिक का डीकंजेशन किया जा सकेगा।

उन्होंने अपर कलेक्टर पवन जैन को निर्देश दिए कि वे पार्किंग लॉट बनाने के लिए इंदौर बायपास के पास, नेमावर एवं शहरी क्षेत्र में प्रशासन जमीन का चयन करें। ट्रैफिक डीकंजेशन के लिए कमर्शियल बिल्डिंग में मैकेनाइज्ड कार पार्किंग की सुविधा पर भी इनेबलिंग क्लॉज फॉर्मेट में जोड़ा जाए।

कलेक्टर ने कहा कि इसी तरह मास्टर प्लान 2035 के तहत इंदौर में ट्रांसपोर्ट नगर भी बनाए जाएं, जिसमें विशेष तौर पर कैलोद गांव के पास की जमीन पर शिफ्ट की जा रही कृषि उपज मंडी के पास भी बड़े क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण किया जाएं। इससे इंदौर के चहुमुंखी विकास को नई गति प्रदान की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि कैलोद गांव में बनाई जा रही मण्डी के पास ही दाल मिल एवं अन्य मिलों की स्थापना भी शामिल की जाएं। कैलोद गांव में बनाई जा रही मंडी में कुछ क्षेत्र ठेला जोन के लिए भी अलग से हो।

उन्होंने कहा मास्टर प्लान 2035 में कोचिंग सेंटरों से जुडे़ प्रावधानों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएं। इसके तहत कोचिंग सेंटरों में छात्र-छात्राओं को प्रदान की जाने वाली मूलभूत सुविधाएं, कक्षाओं में न्यूनतम तथा अधिकतम छात्रों की संख्या एवं अन्य जरूरी प्रावधानों को भी प्लान में शामिल किया जाएं। कलेक्टर ने टीएण्डसीपी के ज्वाइंट डायरेक्टर एसके मुद्गल को निर्देश दिए कि सभी स्टेक होल्डर से अलग से बैठक लेकर चर्चा करें एवं उनके द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सुझावों को मास्टर प्लान में शामिल किया जाएं।

सीएमएचओ और तहसीलदारों को नोटिस

इस बीच कलेक्टर ने टीएल बैठक भी ली। इसमें उन्होंने सीएम हेल्प लाइन तथा समाधान ऑनलाइन के पेंडिग केसों की समीक्षा की। उन्होंने मामले ज्यादा पेंडिग होने पर सीएमएचओ डॉ. बी.एस. सैत्या को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एेसे तहसीलदार व नायब तहसीलदार जिनके केस पेंडिंग हैं, उन्हें भी कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

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