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पीएम स्वनिधि, महानगरों को पीछे छोड़ प्रदेश में दमोह सेकंड:जिले में 2165 लोगों को दिया 10-10 हजार रुपए का लोन, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर भी रह गए पीछे

पीएम स्वनिधि योजना के तहत हितग्राहियों को सर्वाधिक लोन वितरण करने पर दमोह जिले को मप्र में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। हालही में 1 अप्रैल 2021 से 5 अक्टूबर तक की जारी रैंकिंग में दमोह जिले में प्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर जैसे बड़े शहरों को भी पीछे कर दिया है।

कोरोनाकाल में सड़क किनारे छोटी-छोटी दुकान लगाने वाले लोगों को मदद के रूप में पीएम स्वनिधि योजना के तहत जिले के 2241 हितग्राहियों को 10-10 हजार रुपए का लोन देने का लक्ष्य दिया गया था। जिनमें से 5 अक्टूबर तक 2165 हितग्राहियों को विभिन्न बैंकों के माध्यम से लोन दिलाया गया। जिसमें 96 प्रतिशत उपलब्धि हासिल करने पर दमोह ने मप्र में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। योजना के तहत कुल 2 करोड़ 65 लाख की राशि हितग्राहियों के खाते में डाली गई। बिना ब्याज के लोन मिलने से हितग्राहियों को काफी संबल मिला। लोन देते समय हितग्राहियों से कहा गया था कि जो हितग्राही एक साल में लोन की राशि चुका देगा, उसे शासन द्वारा अपने रोजगार को बढ़ाने के लिए 20 हजार रुपए का लोन फिर से दिया जाएगा।

जिसके चलते वर्तमान में 207 हितग्राहियों द्वारा अपना लोन पूरी तरह से बैंकों में चुका दिया गया है। इनके द्वारा 20 हजार की राशि के लिए आवेदन कर दिया है। जिसके चलते आगामी दिनों में इन्हें 20 हजार रुपए का लोन मिल जाएगा। गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर में करीब चार माह तक लॉकडाउन की वजह से छोटे दुकानदारों की रोजी-रोटी पर संकट पैदा हो गया था। ऐसे दुकानदारों को अपना रोजगार फिर से चालू कराने के लिए स्वनिधि योजना लागू की गई थी। इस संबंध में सिटी मिशन मैनेजर अरसद खान ने बताया स्वनिधि योजना में लोन देने के मामले में दमोह जिले का स्थान प्रदेश में दूसरे नंबर पर है। आगामी दिनों में हम और अच्छा लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे। इस लक्ष्य को पूरा कराने में कलेक्टर एस कृष्ण चेतन्य, सीएमओ निशिकांत शुक्ला, परियोजना अधिकारी कपिल खरे, लीड बैंक प्रबंधक आरके जैन का सहयोग रहा है। जिनके प्रयासों से विभिन्न बैंकों द्वारा हितग्राहियों को समय पर लोन दिया गया। उन्होंने बताया कि लोग स्वनिधि योजना के तहत पूर्व में आवेदन जमा नहीं कर पाए हैं, या फिर किसी कारण उनके आवेदन निरस्त हो चुके हैं, ऐसे लोग फिर से निकाय जाकर आवेदन जमा कर सकते हैं। पात्र पाए जाने पर उन्हें दस हजार रुपए का लोन मुहैया कराया जाएगा।

निकायों की स्थिति
नगरीय निकायों में सबसे अच्छा लक्ष्य पटेरा ने लक्ष्य से अधिक कार्य किया है। पटेरा को 120 हितग्राहियों का लक्ष्य दिया था, जहां पर 147 को लोन दिया गया है। जो लक्ष्य के 123 प्रतिशत है। इसके अलावा दमोह निकाय को 1399 में से 1370, हटा 288 में से 246, पथरिया 186 में 185, तेंदूखेड़ा 44 में 28, हिंडोरिया 204 में 189 हितग्राहियों को लोन दिया है। सीएमओ निशिकांत शुक्ला का कहना है कि प्रयास है कि योजना में प्रदेश में नंबर वन पोजिशन पर आएं, इसके लिए प्रयास कर रहे हैं।

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