श्री महाकालेश्वर मंदिर में चांदी की घंटी और सोने के नेत्र दान किए गए। महाकाल मंदिर समिति की ओर से दोनों श्रद्धालुओं को दान में प्राप्त सामग्री की रसीद दी गई।
लॉकडाउन के बाद 28 जून 2021 से मंदिर का दरबार आम श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था। इन 3 महीने 17 दिन के समय में देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं ने दिल खोलकर बाबा महाकाल के खजाने में 23 करोड़ रुपए से अधिक की दान राशि जमा कर दी है। प्राप्त आय 28 जून 2021 से लेकर 15 अक्टूबर 2021 तक की है। आय विभिन्न स्रोतों से हुई है। दान पेटी में से विदेशी करेंसी भी निकली है और विदेशों से ऑनलाइन दान भी महकाल को मिला है।
रविवार को उज्जैन के केसरबाग निवासी रुद्राक्ष मिश्रा ने पुरोहित विपुल चतुर्वेदी के साथ महाकालेश्वर भगवान को .81 ग्राम सोने के नेत्र दान किए। वहीं इंदौर निवासी रूचि ने महाकाल मंदिर में 2 किग्रा चांदी की घंटी दान दी। महाकाल मंदिर समिति की ओर से दोनों श्रद्धालुओं को दान की रसीद के साथ भगवान महाकाल का प्रसाद भी दिया गया।
दरअसल महाकालेश्वर मंदिर की सभी व्यवस्थाएं दान के माध्यम से ही संचालित होती हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति नि:शुल्क अन्नक्षेत्र, गौशाला आदि संचालित करती है। यहां दान के लिए मंदिर के अधिकारी, पुजारी, पुरोहित व मंदिर प्रबंध समिति सदस्यों व कर्मचारियों के माध्यम से भी भक्तों को मंदिर में दान करने हेतु प्रेरित किया जाता है।
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