देश में 10 लाख की आबादी में वैक्सीन के पहले डोज का 100 फीसदी टारगेट पूरा करने के मामले में इंदौर के दूसरे डोज की रफ्तार पहले की तुलना में धीरे हैं। खास बात यह कि 5.50 लाख तो वे हैं जिनका पहला डोज लगने के बाद दूसरे डोज की ड्यू डेट निकल चुकी है। ऐसे में उन्हें दूसरा डोज लगाना जरूरी है। इसके मद्ेदनजर सोमवार 4 अक्टूबर को जिले में फिर बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन होगा। इसके लिए 250 सेंटर बनाए गए हैं जिसमें 1.25 लाख डोज लगाने का टारगेट रखा गया है। जिला प्रशासन ने अपील की है कि जिन लोगों के पहले डोज के बाद की अवधि पूरी हो गई है वे दूसरा डोज जरूर लगवाएं। इनके लिए कोविशील्ड व कोवैक्सीन दोनों ही उपलब्ध हैं।
सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि इसके तहत शहरी क्षेत्र में 130 सेंटर बनाए गए हैं। अभियान के दौरान गर्भवती महिलाओं को भी वैक्सीन लगाई जाएंगी। अभी दूसरा डोज 52.90 फीसदी ही हुआ है। अभी भी 5.25 लाख से ज्यादा तो वे लोग हैं जिनके पहले डोज के बाद की अवधि पूरी हो चुकी है लेकिन वे दूसरे डोज के लिए गंभीर नहीं हैं। इनमें अधिकांश तो ऐसे लोग हैं जिन्होंने यह मान लिया है कि वे पहले डोज के बाद सुरक्षित हैं और दूसरा डोज कभी भी लगा लेंगे, इसी सोच के कारण उनकी ड्यू अवधि को काफी समय हो गया है। कुछ लोग ऐसे हैं जो नौकरीपेशा होने के कारण टाइम नहीं निकाल पा रहे हैं। इसके अलावा कई लोग रविवार अवकाश के भरोसे रहते हैं, लेकिन उस दिन केवल सरकारी अस्पतालों व डिस्पेंसरियों में वैक्सीनेशन होता है व रोज की तरह अलग से कई सेंटर नहीं बनते, इसके चलते लेटलतीफी हो रही है। इसके मद्देनजर इस बार 250 से ज्यादा सेंटर बनाए गए हैं। इधर, स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन और टीमें हैं, इसे लेकर कोई परेशानी नहीं है। । जिला प्रशासन की भी कोशिश है कि दिसंबर तक ही नहीं बल्कि जल्दी दूसरा डोज पूरा हो लेकिन लोग आगे नहीं आ रहे हैं। ।
अब ऐसे किए जा रहे प्रयास
- NIC के माध्यम से बार-बार रिमाइंडर मैसेज कर दूसरा डोज लगाने का आग्रह किया जा रहा है।
- आशा-आंगनवाडी कार्यकर्ता घर-घर जाकर अपील कर रही हैं।
- संबंधितों के परिवारों से आग्रह किया जा रहा है कि वे दूसरे डोज के लिए जागरूक करें।
- सभी सरकारी विभागों के अधिकारियों के माध्यम से स्टाफ का दूसरा डोज लगाने को कहा जा रहा है।
- इसके बाद मंडियों, शॉपिंग माल्स, बाजार के अलग-अलग एसोसिएशन, कंपनियों आदि के माध्यम से कोशिश की जाएगी।
- नगर निगम द्वारा वार्ड वार्ड गाडियों के माध्यम के घूम-घूमकर वैक्सीन सेंटर आने की अपील की जाएगी।
जानिए दोनों डोज लगवाने के फायदे
- पहला डोज यानी आधी सुरक्षा, दोनों यानी पूरी सुरक्षा।
- अब अगर कोरोना संक्रमित होते भी हैं तो लक्षण ए सिम्टोमैटिक रहेंगे।
- पहले के जैसी क्रिटिकल स्टेज नहीं बनेगी यानी अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ सकती है।
- फिर भी लंबे समय तक मास्क, सोशल डिस्टेसिंग, सैनिटाइजर सहित कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
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