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'अपनों’ की मौत के बाद फिर परिजन का जज्बा:4 बुजुर्गों की आंखें डोनेट; दीपावली पर 8 लोगों की अंधेरी दुनिया में होगी रोशनी

 

अंगदान में अग्रणी रहे इंदौर में आंखें डोनेट करने का सिलसिला जारी है। इसमें भी बुजुर्गों के निधन के बाद उनके परिजन इसे लेकर जज्बा दिखा रहे हैं। पिछले 72 घंटों में 4 बुजुर्गों की मृत्यु के बाद उनके परिजन ने जज्बा दिखाते हुए इन चारों की आंखें डोनेट की हैं। इससे अब दीपावली पर 8 लोगों की अंधेरी जिंदगी में रोशन हो सकेगी।

जिन बुजुर्गों की आंखें दान हुई हैं उनमें प्रभुदास तलरेजा (97) निवासी जय जगत कॉलोनी है। उनकी घर पर ही मृत्यु हुई। ऐसे ही उज्जैन के समाजसेवी किशनचंद भाटिया की पत्नी मीरा भाटिया (62) की बड़नगर स्थित उनके घर पर कार्डियेक अरेस्ट से मौत हो गई। परिजन महत्वपूर्ण सारे अंग दान करना चाहते थे लेकिन चूंकि ब्रेन डेड का मामला नहीं था जिसके चलते आंखें ही डोनेट हो सकी। इसके लिए एक टीम बड़नगर कई और प्रोसेस पूरी की। ऐसे ही चंद्रकांत दरियानी निवासी स्कीम 103, केसरबाग रोड की घर पर कार्डियेक अरेस्ट से मौत हो गई। दूसरी ओर इस क्षेत्र की निवासी रणजीत कौर (65) की भी कार्डियेक अरेस्ट से मौत हो गई। दोनों मामलों में परिजन ने की इच्छानुसार उनकी आंखें डोनेट की गई। इस सेवा काम में समाजसेवी भारती सिन्धु सभा के नगर अध्यक्ष एवं मुस्कान सेवादार दीपक छोड़वानी (बाबा), सरदार हरप्रीतसिंह भाटिया, प्रकाश रोचलानी (बल्लू) प्रभु आज्ञा फाउंडेशन एवं किशनचंद भाटिया (उज्जैन), तरुण रोचवानी, जीतू बगानी, संदीपन आर्य, गोपाल सरोके व डॉ. जीएल ददरवाल की खास भूमिका रही।

ढाई माह में 132 लोगों की जिंदगी में रोशनी

खास बात यह कि इस माह के 21 दिनों में 18 लोगों ने नेत्रदान किए हैं। इसके पूर्व सितम्बर में 25 और अगस्त में 23 लोगों ने नेत्रदान किए थे। इस तरह ढाई माह में 66 लोगों के नेत्रदान हो चुके हैं जिससे 132 लोगों जिंदगी में रोशनी होगी। लोगों से अपील की गई है कि नेत्र दान के मामले में एमके इंटरनेशनल आई बैंक के 09406631919 त्वचा के लिए चोइथराम एण्ड रिसर्च सेंटर 09669851060 पर संपर्क किया जा सकता है।

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