शहर में तीन दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या भले ही शून्य रही हो, लेकिन चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं। जिले में पहले डोज का 100 फीसदी वैक्सीनेशन हो गया है, लेकिन अभी दूसरे डोज का वैक्सीनेशन 55 फीसदी ही हुआ है। इसे लेकर भी लगातार लोगों से अपील की जा रही है, लेकिन वे पहले ही डोज से निश्चिंत होकर दूसरे डोज के लिए रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
वैसे जिला प्रशासन ने दूसरे डोज का टारगेट दिसम्बर तक रखा है, लेकिन अब यह असंभव सा लग रहा है, क्योंकि अब सिर्फ 71 दिन बचे हैं। इनमें से भी पांच दिनी दीपोत्सव व रविवार के हैं। दूसरी ओर अभी 12.60 लाख लोगों से ज्यादा को वैक्सीन लगाई जानी है और 60 दिनों में यह एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में हर दिन औसतन 21 हजार डोज लगाने होंगे तो ही टारगेट पूरा हो सकेगा।
इसके पूर्व जिला प्रशासन की ओर से दीपावली के पूर्व दूसरे डोज का टारगेट पूरा करने के प्रयास की बात कही थे लेकिन अब तो इसलिए संभव नहीं है क्योंकि 2 नवम्बर से दीपोत्सव शुरू हो रहा है। इसके चलते अब 14 दिन बाकी हैं जबकि डोज 12.60 लाख लगना है। ऐसे ही अगर दिसम्बर तक भी टारगेट पूरा करना है तो लोगों को तेजी से आगे आना होगा क्योंकि अभी विभाग के पास वैक्सीन की कमी नहीं है। इसके साथ ही पर्याप्त स्टाफ भी है।
मौजूदा स्थिति के अनुसार अब तक 29,12,109 लोगों को पहला डोज लग चुका है जबकि इनमें से 16,52,191 लोगों को दोनों डोज लग चुके हैं। यानी दूसरा डोज 55 फीसदी ही हुआ है। खास बात यह कि इनमें से 6 लाख से ज्यादा वे लोग हैं जिनकी ड्यू अवधि भी खत्म हो चुकी है इसलिए उन्हें प्राथमिकता से दूसरा डोज लगवाना होग। टीकाकरण अधिकारी डॉ. तरुण गुप्ता ने बताया कि जिन लोगों की ड्यू अवधि खत्म हो गई है वे तुरंत दूसरा डोज लगवाएं।
जानिए दोनों डोज लगवाने के फायदे
- पहला डोज यानी आधी सुरक्षा, दोनों यानी पूरी सुरक्षा।
- अब अगर कोरोना संक्रमित होते भी हैं तो लक्षण एसिम्पटोमैटिक रहेंगे।
- क्रिटिकल स्टेज नहीं बनेगी यानी अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ सकती है।
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