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सोपा कॉन्क्लेव का उद्घाटन:हम 65% खाने का तेल आयात कर रहे, इसलिए भाव ज्यादा, सरसों-पाम का उत्पादन बढ़ाना जरूरी: गडकरी

 

रविवार को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में कॉन्क्लेव हुआ। - Dainik Bhaskar
रविवार को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में कॉन्क्लेव हुआ।
  • केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री ने किया सोपा कॉन्क्लेव का उद्घाटन, देशभर से बड़ी संख्या में उद्यमी पहुंचे

हमें खाद्य तेल का आयात शून्य पर लाना है। अभी हम 65 प्रतिशत तक खाद्य तेल आयात कर रहे हैं, जिसके कारण तेल के भाव ज्यादा हैं और किसानों को इसके भाव ठीक तरह से नहीं मिल पा रहे हैं। आज हमारे पास चावल, गेहूं, शकर सरप्लस है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में शकर के भाव 22 से 23 रुपए प्रति किलो हैं और हमारे देश में वह 33 से 34 रुपए किलो है। इसलिए हम एक्सपोर्ट नहीं कर पा रहे थे, लेकिन इस साल ब्राजील में शकर का उत्पादन कम होने के कारण संभवत: हमारी शकर एक्सपाेर्ट हो सकेगी।

यह बात केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दि सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) द्वारा ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में दो दिनी सोया कॉन्क्लेव के दूसरे दिन रविवार को वर्चुअल उद्घाटन सत्र में कही। यहां पर देशभर के सोयाबीन प्रोसेसर्स, उत्पादक सहित बड़ी संख्या में उद्यमी पहुंचे थे।

मंत्री का सुझाव: सोयाबीन का भाव एमएसपी के नीचे जाए

मंत्री गडकरी ने कहा कि वर्तमान में सोयाबीन तेल की शॉर्टेज के कारण हम लगातार इंपोर्ट ड्यूटी की तरफ ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। अभी इम्पोर्ट ड्यूटी काफी कम की है, क्योंकि बाजार में तेल के भाव काफी बढ़ गए थे। मेरा सुझाव है कि सोयाबीन का भाव एमएसपी के नीचे जाए, इतनी इम्पोर्ट ड्यूटी कम करना भी उचित नहीं होगा।

सोयाबीन केक के मामले में हम रिसर्च करके उसकी वैल्यू करेक्शन करके उपयोग कर सकते हैं। रिसर्च करके सोयाबीन के कुछ फूड आइटम तैयार किए जा सकते हैं, क्योंकि इसमें काफी प्रोटीन होता है। अमेरिका में सोयाबीन से वेज मटन व चिकन बना है। 30 प्रतिशत तक वहां इसे असली मटन व चिकन में मिलाकर तैयार करते हैं और उसका पता भी नहीं चलता है।

सोयाबीन रिसर्च इंस्टिट्यूट को सीड डेवलपमेंट प्रोग्राम पर काम करना चाहिए

गडकरी ने कहा ऑइल सीड में राइस ब्रान, सरसों आदि के उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है। कुछ जमीन हमारे पास है। जिसका उपयोग पाम प्लांटेशन के लिए किया जा सकता है। इंडेनेशिया में इसका भारी मात्रा में प्लांटेशन हुआ है। क्रॉप फैक्टर में क्या सरप्लस है उसके वैश्विक परिदृश्य को ध्यान में रखकर और अध्ययन कर हमें अपनी क्रॉप को लगाना चाहिए।

इसी का उदाहरण है कि हम एथेनॉल को बाजार में लाए, जिससे शकर मिल जो बंद होने के कगार पर थीं, वे वापस शुरू हो चुकी हैं। सोयाबीन रिसर्च इंस्टिट्यूट को यूएसए, ब्राजील और अर्जेंटीना के साथ मिलकर सीड डेवलपमेंट प्रोग्राम पर काम करना चाहिए।

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