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वायरस का असर:कोरोना बना रहेगा पर अब उससे पहले जैसी मौतें नहीं होंगी

सभी महामारियों का आखिरकार अंत होता है। कोविड-19 उस रास्ते पर बढ़ चला है लेकिन वह पूरी तरह खत्म नहीं होगा। साल-दर-साल रूप बदलकर फैलता रहेगा। कोरोना वायरस बुजुर्गों और कमजोर लोगों को लिए खतरा बना रहेगा। हालांकि, स्थिर हो जाने के कारण अब उससे उतनी अधिक मौतों की आशंका नहीं है जितनी पिछले बीस माह में हो चुकी हैं।

इस तरह कोविड फ्लू जैसा दुश्मन हो जाएगा जिस पर काबू पाना संभव होगा। महामारी के कमजोर होने से अगस्त के बाद अमेरिका सहित दुनियाभर में मौतें कम हो रही हैं। ठंड के मौसम में कुछ देशों में संक्रमण बढ़ सकता है। दूसरा खतरा वायरस के रूप में बदलाव से है। नए वैरिएंट से बचाव के लिए वैक्सीन को नए सिरे से बनाना पड़ेगा।

कोरोना नंबर्स में

1.90 करोड़ मौतें
महामारी के बीच एक करोड़ से लेकर 1.90 करोड़ लोगों के मरने की आशंका है। यह संख्या सरकारी आंकड़ों से 6 से 15 गुना अधिक है।
3.60 अरब संक्रमित
अनुमान है, एक अरब 40 करोड़ से तीन अरब 60 करोड़ व्यक्ति अब तक वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।

वैक्सीनेशन की स्थिति

3.8 अरब लोगों को वैक्सीन की एक डोज लग चुकी है। 11.30 अरब डोज बन जाएंगी वर्ष के अंत तक। जून 2022 तक 25 अरब डोज उत्पादन होने की संभावना है। 40% वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा है डब्ल्यूएचओ ने साल के अंत तक हर देश के लिए।

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