इंदौर:स्वास्थ्य विभाग द्वारा आमजनों से अपील की गई है कि मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों से बचाव हेतु मच्छरों की वृद्धि रोकने अपने घर व आस-पास पानी इकट्ठा न होने दें। पात्रों में भरा पानी सप्ताह में एक बार अवश्य खाली करें, साथ ही मच्छरों से बचाव करें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, इसके साथ ही पूरी अस्तीन के कपड़े पहने। मच्छर भगाने वाले साधन जैसे- क्रीम, क्वाइल, रिपलेन्ट इत्यादि का उपयोग करें। टायर, कबाड़ सामान ढंक्कर रखें इनमें पानी इकट्ठा नहीं होने दें। बुखार आने पर तत्काल स्वास्थ्य केन्द्र में जांच करायें।
वर्षाकाल में जगह-जगह पानी इकट्ठा हो जाता है तथा हमारे घर व आसपास पानी के कन्टेनर व कबाड़ सामान, टायर, टंकी, गमले, मटके, गमले, कूलर आदि में जमा पानी में मच्छर अंडे देकर वृद्धि करते हैं। जिनके काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया बीमारी फैलने की संभावना होती है। ऐसे जलपात्रों में भरे पानी को सप्ताह में एक बार अवश्य खाली करें। ताकि इनमें पनप रहे मच्छर के लार्वा नष्ट हो जाए व मच्छरों की वृद्धि रुक जाए। मच्छर से फेलने वाले मलेरिया रोग में सामान्यतः बुखार, कमजोरी, हाथ पैर में दर्द, उल्टी आना जैसे लक्षण हो सकते है तथा डेंगू, चिकनगुनिया बीमारी संक्रमित व्यक्ति में सामान्यतः बुखार, सिर व आंखों में दर्द, हाथ पैर में दर्द, उल्टी आना, शरीर पर चकत्ते आना जैसे लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में मरीज को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में निःशुल्क खून जाँच व स्वास्थ्य परीक्षण कराना चाहिये तथा चिकित्सीय परामर्श से दवा का पूर्ण सेवन करना चाहिये। वर्षाकाल के दौरान मच्छरों से फेलने वाली वाहक जनित बीमारी मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया से बचाव के लिये फील्ड में कार्यरत अमला ग्राम में लार्वा सर्वे व बुखार के रोगियों की जांच कर रहा है एवं वाहक जनित रोग- मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया से बचाव व रोकथाम हेतु लोगों को जानकारी दे रहा है।
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