Header Ads Widget

Responsive Advertisement

कलेक्टर, डीआईजी व निगम कमिश्नर का वादा:ट्रैफिक समस्या व सुरक्षा पर भी खास जोर, बाल भिक्षावृत्ति व कुपोषण पर होगा कंट्रोल

 

मीडिया से बातचीत करते कलेक्टर, - Dainik Bhaskar
मीडिया से बातचीत करते कलेक्टर,

शहर में बाल भिक्षावृत्ति व कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ रही है लेकिन जिस तरह शहर जिस तरह से स्वच्छता, स्मार्टसिटी, वैक्सीनेशन में अव्वल रहा है, अब इन दोनों समस्याओं को भी जड़ से खत्म कर शहर की अलग पहचान बनाई जाएगी। इसके साथ ही मुख्य समस्या शहर के ट्रैफिक, पार्किंग व सुरक्षा की है, इसके लिए किसी तरह की कसर नहीं छोड़ी जाएगी। विभागीय समन्वय व जनभागीदारी के माध्यम से इन तीन समस्याओं को भी धीरे-धीर दूर किया जाएगा। इस साल ज्यादा बारिश होने से शहर की कई मुख्य मार्गों, कॉलोनियों व मोहल्लों में पानी भरने की समस्या रही लेकिन अब अगले साल यह समस्या भी नहीं रहेगी।

यह बात मंगलवार को कलेक्टर मनीषसिंह, डीआईजी मनीष कपूरिया व निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने प्रेस क्लब में मीडिया से कही। दरसअल, पिछले कई दिनों से शहर में बाल भिक्षावृत्ति काफी बढ़ गई है। इसमें लिप्त कुछ लोगों द्वारा बच्चों को इसमें धकेला जा रहा है। हाल ही में एक महिला को पांच बच्चों के साथ खजराना पुलिस ने मामला पकड़ा भी था। इसके अलावा नवरात्रि के दौरान भी धार्मिक स्थलों पर बड़े पैमाने पर भिक्षावृत्ति देखी गई थी। इस लेकर हाल ही में शहर में भिक्षुक केंद्र के लिए एक बड़ा फंड भी पारित हुआ है। यह मप्र का एकमात्र भिक्षुक केंद्र है जहां पुनर्वास होगा। ऐसे ही महिला एवं बाल विकास विभाग ने हाल ही में कैंप लगाए थे जिनमें अलग-अलग श्रेणी के 5 हजार से ज्यादा कुपोषित पाए गए थे। इनमें 482 अति गंभीर थे। इन सवालों के जवाब में कलेक्टर ने कहा कि इसे लेकर भी अब बड़े स्तर पर काम किया जाएगा ताकि कुपोषण पर पूरी तरह नियंत्रण हो।

सुरक्षा के लिए कम से कम एक कैमरा लगवाएं

शहर की सुरक्षा को डीआईजी मनीष कपूरिया ने माना कि कोरोना काल में आई आर्थिक मंदी के कारण अपराध बढ़े हैं। उन्होंने सीसीटीवी कैमरों की आवश्यकता पर जोर दिया व लोगों से अपील कि सक्षम परिवार कम से एक कैमरा उस खास स्थान पर लगवाएं जहां जरूरी है। ऐसे मेें सुरक्षा में कसावट आएगी। वैसे शहर में करीब 400 से ज्यादा कैमरे जो खराब हैं, इन्हे ठीक करवाने व नए लगाने के मामले में लगातार काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अपराध बढ़ने का मुख्य कारण अपराधियों की ड्रग्स में लिप्तता है। इस साल ड्रग में लिप्त 32 आरोपी अभी जेल में हैं। इसके लिए अब डिएडिक्शन सेंटर संचालित किए जाएंगे और ड्रग एडिक्टस को नशे के दलदल से बाहर निकाला जाएगा।

25 लाख से ज्यादा वाहन बड़ी चिंता, धीरे-धीरे हल निकालेंगे

एक सवाल के जवाब में अधिकारियों ने माना कि शहर में ट्रैफिक और पार्किंग की समस्याएं ज्वलंत हैं। डीआईजी ने कहा कि जिले में 25 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड हैं। इससे ट्रैफिक का काफी दबाव है। निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने कहा कि शहर की कमर्शियल बिल्डिगों में पार्किंग की जगह दुकानें निकालने, कब्जा जैसे कई मामले सामने आए हैं। इसे लेकर एक सर्वे किया जाएगा। वैसे मेट्रो के आने तथा नए ब्रिजों के निर्माण से भी ट्रैफिक में राहत होगी और धीरे-धीरे हल निकलेगा।

कलेक्टर ने कहा कि शहर चारों ओर पार्किंग लॉट बनाने पर विचार चल रहा है। इन पार्किंग लॉट में मण्डी में आने-जाने वाले ट्रक पार्क किए जा सकेंगे एवं इन पार्किंग एरिया का मेन्टेनेंस भी मण्डी एसोसिएशन द्वारा किया जा सकेगा। एसोसिएशन ने खुद ने यह मंशा जताई है जो अनुकरणीय है। इससे शहर में बढ़ रहे ट्रैफिक को भी व्यवस्थित कर शहर के ट्रैफिक का डीकंजेशन किया जा सकेगा। ऐसे ही पूर्वी क्षेत्र स्थित रिंग रोड व बायपास का काफी विकास हुआ है लेकिन पश्चिम क्षेत्र में नहीं हुआ। हाल ही में आईडीए की बैठक में भी यह मुद्दा प्रमुखता से लिया गया। पिछले दिनों सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने इसके लिए बजट स्वीकृत किए हैं। इस तरह धीरे-धीरे ट्रैफिक में सुधार होगा।

अगली बारिश तक पानी भरने की समस्याएं होगी खत्म

निगम कमिश्नर ने कहा कि इस साल अभी तक बारिश होने से सड़कों का पेंचवर्क का काम शुरू नहीं हो सका। जीपीओ, विजय नगर, प्रजापत नगर, रेवन्यू नगर सहित ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां काफी पानी भरा रहा। लोगों को चाहिए कि छत का पानी सीवर चेंबर में न जोड़कर उसे जमीन में रास्ता दिया जाए। फेस-1 में स्टार्म वाटर के मामले में काम हुआ। फिर सीवर चेंबर पर काम चल रहा है। अगले साल बारिश तक इन समस्याओं को हल कर दिया जाएगा ताकि पानी न भरें। मल्हारगंज से राजबाडा के बीच स्मार्ट सिटी के तहत बन रही नई सडक को छह माह में बनाने के प्रयास हैं। इस मार्ग स्थित धर्मस्थलों को लेकर सभी पक्षों के साथ मिलकर विचार-विमर्श किया जाएगा।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ