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विज्ञान के संस्थान में कृषि का नवाचार:होलकर कॉलेज की छत पर बनेगा किचन गार्डन, छात्रों के साथ लोगों को भी सिखाएंगे ऑर्गेनिक सब्जियां उगाना

 

600 से 6 हजार वर्गफीट में गार्डन विकसित करने की मिलेगी ट्रेनिंग, रिसर्च भी होगी। - Dainik Bhaskar
600 से 6 हजार वर्गफीट में गार्डन विकसित करने की मिलेगी ट्रेनिंग, रिसर्च भी होगी।

शहर में पहली बार शहर में पहली बार शासकीय होलकर साइंस कॉलेज में किचन गार्डन तैयार हाेगा। कॉलेज प्रशासन ने इस पर काम शुरू कर दिया है। कॉलेज मेंं हाल ही में तैयार नौ नई लैब की बिल्डिंग की छत पर यह गार्डन विकसित हाेगा। यहां छात्राें, शहर के लाेगाें और प्राेफेसर-कर्मचारियाें काे किचन गार्डन तैयार करने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी, ताकि लाेग घरों में ही ऑर्गेनिक सब्जियां उगा सकें।

600 वर्ग फीट से लेकर 6 हजार वर्ग फीट तक की छत पर किचन गार्डन विकसित करने के बारे में सिखाया जाएगा। छात्र यहां रिसर्च भी कर सकेंगे। प्राचार्य डॉ. सुरेश सिलावट ने बताया कि इस पर काम शुरू हाे गया है। प्राे. धर्मेंद्र जाट काे इसका प्रभारी बनाया गया है।

अनूठा प्रयास- वेटलेस हाेगा किचन गार्डन, मिट्‌टी की मात्रा कम कर काेकाेपीट और वर्मी कंपाेस्ट का इस्तेमाल होगा

यह किचन गार्डन वेटलेस हाेगा, यानी इसमें मिट्टी की मात्रा बहुत कम हाेगी। बदले में काेकाेपीट, वर्मी कंपाेस्ट डालेंगे। डॉ. सिलावट का कहना है कि कोविड काल में सब्जियों की कमी की बात सामने आई थी। ऐसी स्थिति के दाैरान लाेग यहां से सीखकर अपने घर की छत पर ही जैविक सब्जियां उगा सकते हैं।

इसलिए कॉलेज का बीज तकनीकी विभाग इस पर काम कर रहा है। प्राे. जाट किचन गार्डन विकसित करने में आने वाली समस्याओं एवं उनके समाधान पर रिसर्च भी करेंगे। यह रिसर्च प्राध्यापक डॉ. कमला शिवानी एवं डॉ. संजीदा इकबाल के मार्गदर्शन में होगी। डॉ. जाट का कहना है कि हर माह 200 से ज्यादा लाेगाें काे इसकी ट्रेनिंग मिले, ऐसा प्रयास रहेगा। इससे कॉलेज का सामाजिक उद्देश्य भी पूरा हाेगा। साथ ही ऑर्गेनिक सब्जियाें काे लेकर लाेगाें में जागरूकता भी आएगी।

ऐसे काम हाेगा प्राेजेक्ट पर

  • नागरिकों को किचन गार्डन विकसित करने एवं समस्याओं के समाधान के बारे में कार्यशाला एवं सेमिनार के माध्यम से बताया जाएगा।
  • किचन गार्डन विकसित करने के दौरान घर की छत पर अतिरिक्त भार न आए, इसलिए वेटलेस सिस्टम पर जाेर दिया जाएगा।
  • विद्यार्थियों को इस विषय पर शोध कार्य करने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा।
  • ज्यादा से ज्यादा महिलाओं काे इससे जाेड़ा जाएगा, ताकि वे खाली समय में घर पर ही किचन गार्डन विकसित कर सकें।
  • ऑर्गेनिक सब्जियाें के फायदे से भी अवगत कराया जाएगा।

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