इंदौर : “शिक्षा मानव की सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति है, युवा देश के लिए जरूरी हैं, भारत विश्व की सांस्कृतिक जननी है, हम सभी को राष्ट्र निर्माण में योगदान देना होगा एक सुखद भविष्य के लिए ।“ यह बात प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार, लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषदों के विशेष सलाहकार, राजदूत डॉ. दीपक वोरा ने प्रेस्टीज इंस्टिट्यूट मैनेजमेंट एंड रिसर्च यु जी कैंपस द्वारा नव प्रवेशित छात्रों के लिए आयोजित दीक्षारंभ समारोह में कही।
उन्होंने कहा कि भारत के पास किसी भी युद्ध को जीतने की इच्छाशक्ति है, कोविड जैसी महामारी में हमारी समस्या आपूर्ति की कमी नहीं बल्कि संसाधन प्रबंधन की कमी थी। हमारा देश दुनिया के बाकी हिस्सों की तरह चुनौतियों का सामना कर रहा था, पर हम उस विपरीत परिस्थिति से इससे बाहर आ रहे हैं और आने वाले समय में प्रगति करना चाहते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि आज राष्ट्र की आवश्यकता है स्वास्थ्य सेवा, जलवायु स्थिरता, आर्थिक विकास, नई तकनीक का प्रबंधन, अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद को समाप्त करना। शिक्षा मानव की सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति है, युवा देश के लिए जरूरी हैं, भारत विश्व की सांस्कृतिक जननी है, भारत जाग रहा है हम सभी को राष्ट्र निर्माण में योगदान देना होगा एक सुखद भविष्य के लिए ।“
भारत और श्रीलंका, मलेशियाई पाम ऑयल काउंसिल की क्षेत्रीय प्रमुख भावना शाह ने कहा “एक समय होता है जब आपको अपने भविष्य के बारे में निर्णय लेना होता है।आज औद्योगिक क्रांतियाँ बड़े बदलाव लाती हैं आईटी, एआई (डिजिटल, भौतिक और जैविक) पर क्या हम अगली औद्योगिक क्रांति के लिए तैयार हैं? अधिक तकनीक के साथ बढ़ी चुनौतियां भी बढ़ी हैं, युवा पीढ़ी के पास संस्थानों के माध्यम से सीखने और तलाशने के संसाधन है। हमें कॉलेज की पढाई के आगे की रणनीति तैयार करनी होगी । उन्होंने छात्रों से कहा कि स्वयं की प्रतिभा कि कैसे स्वयं की खोज करें और उसे अपनी जिसे एक ताकत में बदलने की कोशिश करे, यह आपके जीवन में सकारात्मक परिणाम दे सकता है।
प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमैन, डॉ डेविश जैन कहा “हम सरकार द्वारा परिष्कृत एक शिक्षा प्रणाली में प्रवेश कर रहे हैं। हमें आत्मचिंतन, आत्ममंथन करने की आवश्यकता है जो हमें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करेगा ।
दीपिन जैन, वाईस चेयरमैन प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन ने कहा छात्रों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे टीम वर्क की अवधारणा एवं संचार के महत्व को समझें और समग्र दृष्टिकोण के साथ शिक्षा प्राप्त करें।“
प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के सीओओ डॉ. अनिल वाजपेयी ने छात्रों से किसी न किसी कार्यक्रम का हिस्सा बनने की अपील करते हुए कहा कि इससे वो प्रबंधन और अनुशासन को सीखें और सबसे बढ़कर जीवन के अर्थ को समझें।
डॉ हर्षवर्धन हलवे, डायरेक्टर इंचार्ज यूजी कैंपस ने कहा कि “हर शैक्षिक संस्थान एक द्वार की तरह है जो छात्रों को नए अवसरों से अवगत करने के साथ उनके सामाजिक और बौद्धिक विकास में योगदान देता है। हमारा उद्देश्य यह है की कॉलेज के शिक्षा के दौरान, छात्रों को विभिन्न नए विचारों और सोचने के वैकल्पिक तरीकों से परिचित कराया जाएगा और इसकी शुरुआत हमने दीक्षारम्भ और ओरिएंटेशन सत्र के माध्यम से किया है । “
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