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हमारा आहार और व्यवहार हमेशा शुद्ध होना चाहिए:मुलथान राजमहल में आयाेजित धार्मिक कार्यक्रम में स्वामी नारायण संस्थान के नितिन पटेल ने कहा

 

आजकल असहिष्णुता को फैशन की तरह बना दिया गया है। जबकि पूरी दुनिया में हिन्दू धर्म जैसा कोई सहिष्णु नहीं है। सनातन का मूल सिद्धांत ही सहिष्णुता पर आधारित है। हमने कभी हाथ में तलवारें लेकर किसी का धर्म नहीं बदलवाया। न ही शास्त्र लेकर कहा कि तुम हिन्दू बन जाओ।

उक्त प्रवचन स्वामी नारायण संस्थान से जुड़े नितिन पटेल (जीएसटी कमिश्नर, भोपाल) ने मुलथान राजमहल में अल्प प्रवास के दौरान व्यक्त किए। करवाचौथ का दिन होने पर उन्होंने कहा कि स्त्रियां चंद्र दर्शन तक भूखी-प्यासी रहकर पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं।

हमें भी आज के दिन उन्हें उपहार स्वरूप व्यसन का त्याग करना चाहिए। भारतीय स्त्रियों ने सहिष्णुता के आयाम रचे हैं। 14 वर्ष वन के कष्ट झेलने के बाद एक रजक के कहने पर ही प्रभु श्रीराम ने माता सीता का त्याग कर दिया था। लेकिन उन्होंने कष्ट सहकर भी रामजी को तलाक तलाक तलाक नहीं बोला था।

अपितु प्रभु आज्ञा काे शिरोधार्य कर जन्म-जन्मांतर राम को ही पति रूप में पाने की कामना की थी। संयत जीवन के बारे में कहा कि हमारा आहार और व्यवहार सदैव शुद्ध होना चाहिए। निमिष आहार ताकत देता तो जीवों में हाथी और गेंडा ताकतवर नहीं होते। सेलिब्रिटी जो मिथ्या प्रचार करते हैं।

उससे भ्रमित होने की बजाए प्रश्न पूछिए कि जो आप दाने-दाने में केसर बताते हैं। इसका सेवन आपकी पत्नी, बच्चे और आप स्वयं भी करते हैं। वास्तविक सेलिब्रिटी हमारे बुजुर्ग और संत हैं जो हमें ज्ञान देते हैं। समाज और परिवार में सम्प होना चाहिए। यदि हमें हिन्दू होने का गर्व है तो घरों में रामायण व गीता का पाठ होना चाहिए।

हमारा धर्म प्राकृतिक और महान है। इसे अक्षुण्ण रखने के लिए भी हमें ही आगे आना होगा। युवा पीढ़ी को तर्कसंगत जानकारी देकर बताएं कि हिन्दू एक धर्म ही नहीं जीवन पद्धति है। राज परिवार के रघुवीर सिंह राठौर ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर ईश्वरसिंह राठौर, महिपालसिंह चौहान, माणकलाल राठौड़, देवपालसिंह जाधव, महिपालसिंह राठौर, नारायण पाटीदार सहित वरिष्ठ एवं युवा उपस्थित थे।

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