मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जोबट विधानसभा उपचुनाव में उदयगढ़ के खट्टाली, कट्ठीवाड़ा और चंद्रशेखर आजाद भाबरा क्षेत्र का दौरा के दौरान झाबुआ के उदयगढ़ में चुनावी सभा को संबोधित किया।
मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने जनकल्याण के लिए सरकारी खजाने को खोला था और संबल योजना समेत अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं प्रारंभ की थीं, लेकिन पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने वक्त है बदलाव का नारा देकर इन योजनाओं को ही बंद कर दिया। गरीबों को जनकल्याण कारी योजनाओं से वंचित कर गरीबों का हक छीना तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ की कुर्सी ही छीन ली और प्रदेश में विकास करने वाली सरकार को बिठाया। भाजपा की सरकार में आदिवासी अंचल के भी भरपूर विकास होगा।
सीएम ने कहा कि कहा कि कांग्रेस तो गरीबों का हक छीनने वाली पार्टी रही है। इसमें दिल्ली से लेकर मध्य प्रदेश तक वंशवाद का ही बोलबाला है, एक ही परिवार का एकाधिकार हो गया है। दिल्ली में सोनिया और राहुल से कांग्रेस बाहर नहीं आ पा रही है और मध्यप्रदेश में कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उनके बेटे नकुल नाथ सांसद तक ही कांग्रेस सिमटकर रह गई।
प्रदेश में कमलनाथ की सरकार बनी तो गरीब कल्याण की योजनाएं बंद कर दीं, प्रधानमंत्री मोदी ने गरीबों के लिए जो आवास बनाने को कहा, उसमें राज्य का 40 प्रतिशत योगदान देने से मना कर दिया। जनविकास की अन्य योजनाओं को भी बंद कर दिया। इसके कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई मंत्री और विधायकों ने कमलनाथ की कुर्सी ही छीन ली।
मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार गरीब और जनजाति परिवारों के मेधावी बच्चों का मेडिकल, इंजीनियरिंग और उच्च शिक्षण संस्थानों में एडमिशन होगा, तो फीस सरकार भरवाएगी। धन के अभाव को बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की राह में बाधा नहीं बनने देंगे। हमारा लक्ष्य है कि स्व-सहायता समूह की हमारी बहनें आर्थिक रूप से समृद्ध बनें और उनकी कमाई प्रतिमाह कम से कम 10 हजार रुपए हो। हमारी बहनें गणवेश बना रही हैं और अब पोषण आहार भी बनाएंगी।
उन्होंने कहा कि जनजाति युवाओं को ग्रामीण इंजीनियर बनाकर गांव में ही विकास कार्यों में जोड़ेंगे, जिससे उन्हें वहीं रोजगार मिल जाए। साथ ही पुलिस और सेना में भर्ती के लिए भी उनकी तैयारी कराई जाएगी।
सीएम ने कहा कि तेंदूपत्ता बेचने का काम सरकार नहीं करेगी। वन समितियों को यह जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके मुनाफे से वन समितियां मजबूत होंगी। भाजपा ने वन भूमि पर आदिवासियों को पट्टे दिए हैं। आदिवासी समाज की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, वनाधिकार देने के साथ ही साहूकारी प्रथा से मुक्त करने का काम प्रदेश की सरकार ने किया है।
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