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IIM इंदौर की सिल्वर जुबली:राऊ सर्कल को ‘आईआईएम इंदौर सर्कल’ का नाम दिया जाएगा, इंदौर पॉडकास्ट आई व्यू और कैंपस एप पॉकेट लांच

 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अल्पेश शाह, IIM डायरेक्टर प्रो. हिमांशु राय व सम्मानित फैकल्टी। - Dainik Bhaskar
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अल्पेश शाह, IIM डायरेक्टर प्रो. हिमांशु राय व सम्मानित फैकल्टी।

राउ सर्कल अब ‘आईआईएम इंदौर सर्कल’ के रूप में जाना जाएगा। IIM इंदौर इस चौराहे की रोटरी और लैंडस्केप को अत्याधुनिक तरीके से डेवलप करेगा। यहां फ्लायओवर ब्रिज भी बनना है इसलिए सर्कल को छोटा किया जाएगा और वहां IIM का मॉडल लगाया जाएगा। इसके आसपास सौंदर्यीकरण होगा और यह चौराहा अपने आप में सबसे अलग होगा। लोग यहां सौंदर्य स्थल पर बैठ सकेंगे। प्लानिंग कुछ ऐसी रहेगी कि आवागमन भी बाधित नहीं होगा।

यह बात IIM इंदौर के डायरेक्टर प्रो. हिमांशु राय ने संस्थान के 25 वर्ष पूर्ण होने पर रविवार को रजत जयंती समारोह में कही। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा राऊ चौराहा (अब IIM सर्कल) बनाने के साथ उसकी देखरेख की जाएगी। हमने जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को भरोसा दिलाया है कि यह चौराहा विश्वस्तरीय पैमाने पर बनेगा। इसमें पांच 'E' मुख्य सूत्र होंगे। यानी ट्रैफिक एजुकेशन, इंजीनियरिंग, एन्फोर्समेंट, इमरजेंसी व एन्वायर्नमेंट पर ध्यान दिया जाएगा। इमरजेंसी के तहत ट्रैफिक की ऐसी व्यवस्था होगी कि अगर भीड़ में एम्बुलेंस के लिए रास्ता चाहिए तो क्या सिस्टम होना चाहिए, इसके लिए काम होगा।

इस अवसर पर उन्होंने कई पहलों को साझा किया। इसमें फ्रंटलाइन योद्धाओं को भोजन के पैकेट उपलब्ध कराने से लेकर मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए वीडियो मॉड्यूल तैयार करने तक शामिल हैं। उन्होंने कहा हम सिर्फ लगन से काम करते रहे। अधिक मेहनत करने की आकांक्षा रखें।

उन्होंने कहा कि हम सपने देखना कभी नहीं छोडे, कभी कम में संतुष्ट न हो और कभी किसी चीज से निराश न हो, ये तीन सूत्र ध्यान रखना होंगे। जीवन में आप कहां भी जाते हैं। यह इतना महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण बात यह है कि आप किसके साथ हैं। IIM इंदौर एक परिवार है। हम सब साथ हैं। संस्थान अपने प्रतिभागियों के निरंतर विकास पर ध्यान केंद्रित करता है। अब 16 देशों में 40 से अधिक विश्वविद्यालयों के साथ संस्थान का विदेशी सहयोग है। IIM इंदौर सामाजिक रूप से जागरूक प्रबंधकों और उद्यमियों को विकसित करने के अपने मिशन पर दृढ़ है जो राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की क्षमता रखते हैं।

एक संस्था बनाने के लिए सात प्रमुख सूत्र

मुख्य अतिथि अल्पेश शाह (मैनेजिंग पार्टनर, मैनेजिंग डायरेक्टर और सीनियर पार्टनर, द बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप) ने कहा कि संस्थान ने न केवल रैंकिंग के मामले में बल्कि जेंडर डाइवर्सिटी में भी प्रगति की है। कहा जाता है कि इस दुनिया में जितने भी दिमाग हैं, उसमें 50 फीसदी हिस्सा महिलाओं का है और हमें सफल होने के लिए हर संगठन में लैंगिक समानता अपनानी चाहिए। आईआईएम इंदौर में 42% से अधिक महिला प्रतिभागी हैं। शाह ने कहा कि सफलता के सात प्रमुख सूत्र हैं जिसे आत्मसात करें।

- लोग अपने उद्देश्य को समझें।

- एक आदर्श टीम बनाएं।

- उत्कृष्टता की निरंतर खोज में बने रहें।

- हर वक्त नया करने की तैयारी करते रहें।

- अपने प्रतियोगी स्वयं बनें।

- हर परिस्थिति में खुद साहसी बनें।

- अपने नैतिक मूल्यों पर अडिग रहे।

हर संस्थान एक उद्देश्य होना चाहिए और वह प्रत्येक का हित देखें। यह एक आदर्श टीम के ज़रिए प्राप्त किया जा सकता है। एक आदर्श टीम में हर व्यक्ति का आदर्श होना आवश्यक नहीं, बल्कि टीम के प्रत्येक सदस्य की अनूठी प्रतिभा को पहचानना है जिससे एक टीम परिपूर्ण हो सके।

जीवन एक मैराथन है और हमें बार-बार तैयारी करने की जरूरत है

उन्होंने सफलता के सूत्र वाक्य समझाने के लिए कई खेल वीडियो के जरिए बताया कि कैसे दृढ़ता और कड़ी मेहनत किसी व्यक्ति को जीवन में सफल होने में मदद करती है। उन्होंने कहा, जीवन एक मैराथन है और हमें बार-बार तैयारी करने की जरूरत है ताकि हम अपनी दौड़ खुद लगाएं, रोज तरक्की करें और एक-दूसरे से प्रतियोगिता करने की जगह स्वयं में सुधार करें। उन्होंने हमेशा नैतिक मूल्यों पर जीने की सलाह दी, क्योंकि मूल्य और नैतिकता ही आपको जीवन में सफल बनने में मदद करती है।

इस अवसर पर संस्थान की उत्कृष्टता के 25 वर्षों को यादगार बनाने के लिए डाक विभाग द्वारा एक आईआईएम इंदौर स्पेशल कवर भी जारी किया गया। मुख्य अतिथि अल्पेश शाह, IIM के डायरेक्टर प्रो. हिमांशु राय व प्रवीण श्रीवास्तव (अधीक्षक पोस्ट ऑफिस) इंदौर द्वारा विशेष कवर का अनावरण किया गया । इसी दौरान IIM इंदौर की मीडिया और पीआर टीम ने आधिकारिक पॉडकास्ट ‘द आई-व्यू’ लांच किया। इसका उद्देश्य आईआईएम इंदौर के फैकल्टी, पूर्व छात्रों और छात्र समुदाय के जरिये वैचारिक नेतृत्व को मजबूत करना है। पॉडकास्ट नैतिक नेतृत्व, वित्त, विपणन, प्रबंधन, और कई अन्य प्रासंगिक विषयों पर केन्द्रित रहेगा।

प्रो. राय ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान, आईआईएम इंदौर के प्रोडक्शन मैनेजमेंट क्लब प्रोडलैब ने संस्थान के उन छात्रों की आवश्यकताओं को पहचाना जो छात्र जो तकनीक प्रेमी हैं और स्क्रीन पर सिर्फ एक टैब (मोबाइल, लैपटॉप आदि) के जरिए संस्थान के संपर्क में रहे। इसके मद्देनजर आईआईएम इंदौर कैंपस एप ‘पॉकेट-आई’ की लांच किया गया। यह एप आईआईएम इंदौर के सदस्यों को कनेक्ट करने, नोट्स और टाइम टेबल देखने, परिसर में विक्रेताओं, खेल सुविधाओं और बुकिंग स्लॉट की जानकारी प्राप्त करने में सहायता करेगी।

इस अवसर पर संस्थान ने अपने फैकल्टी प्रो. जतिन पांडेय और प्रो. मनोज मोतियानी को सम्मानित किया गया। इन्हें स्मृति चिन्ह और 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया। ‘बेस्ट स्टाफ अवॉर्ड’ उन्नी केआर, डीडीवी प्रसाद राव, आनंद डोडावाद, निशा राठौर, विजय कुमार और प्रवाह शुक्ला को दिया गया। 10 और 20 वर्षों से सेवारत कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया। पीजीपी, पीजीपीएचआरएम और आईपीएम प्रतिभागियों के शीर्ष 5 पर्सेंटाइल को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के बाद IIM ने राऊ चौराहा (अब आईआईएम चौराहा) पर स्वतंत्रता, विकास और समृद्धि के प्रतीक के रूप 25 कबूतरों को पिंजरों से मुक्त किया गया।

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