इंदौर का सफाई मॉडल अयोध्या और कानपुर के बाद अब चेन्नई, लखनऊ, बनारस, प्रयागराज और धनबाद भी लागू करना चाहते हैं। इसके लिए वहां के नगर निगम आईआईएम इंदौर के संपर्क में हैं। अयोध्या के लिए तो चार माह पहले ड्राफ्ट और रिपोर्ट तैयार कर दे दी है। इंदौर की तर्ज पर उनके लिए स्वच्छता से जुड़ा गाना भी तैयार किया जा चुका है।
कानपुर नगर निगम के साथ आईआईएम बुधवार को मीटिंग करने जा रहा है। यह बात रविवार को आईआईएम इंदौर के रजत जयंती समारोह में आईआईएम डायरेक्टर प्रो. हिमांशु राय ने मीडिया से चर्चा में कही। उन्होंने बताया कि इंदौर के स्वच्छता मॉडल को लागू करवाने के लिए संबंधित शहरों के नगर निगम आईआईएम से मदद मांग रहे हैं।
राऊ चौराहा कहलाएगा आईआईएम चौराहा
राय ने बताया कि हमने प्रशासन से राऊ चौराहे को विकसित करने की इच्छा जाहिर की थी। प्रशासन ने इसके लिए हमें जिम्मेदारी सौंप दी है। अब राऊ चौराहे का नाम आईआईएम इंदौर चौराहा होगा। चौराहे पर आईआईएम का एक मॉडल स्थापित किया जाएगा। आसपास के सौंदर्यीकरण की जिम्मेदारी भी आईआईएम उठाएगा। इस चौराहे को यूरोप की सड़कों की तर्ज पर तैयार किया जाएगा।
150 से बढ़कर 300 हो जाएगी आईपीएम की सीट
प्रो. राय ने बताया, आईआईएम इंदौर के कैंपस का विस्तार भी जल्द होगा। इसके लिए संस्थान के पास मौजूद 30 एकड़ जमीन पर 250 से 300 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इस विस्तार के तहत कैंपस में नए एकेडमिक ब्लॉक, फैकल्टी ब्लॉक और हॉस्टल आदि का निर्माण किया जाएगा। इसको पूरा होने में लगभग तीन साल का समय लगेगा।
2 साल में नए क्लास और होस्टल पूरे हो जाएंगे तो हम एकेडमिक प्रोग्राम का विस्तार करेंगे। इसके तहत आईपीएम (12वीं के बाद एमबीए प्रोग्राम) की सीट को 150 से बढ़ाकर 300 किया जाएगा। वही पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम की सीट को भी बढ़ाया जाएगा। 25 वर्षों में हमारे रैंकिंग में काफी सुधार आया है। हम देश के टाॅप-4 आईआईएम में शामिल होने में कामयाब हो गए हैं।
कानपुर में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने की भी जिम्मेदारी ली
हमारी टीम बीट पुलिसिंग और डायल -100 के बीट समन्वय स्थापित करने के लिए भी एक मॉडल तैयार कर रही है। पुलिस को अपने व्यवहार में क्या बदलाव लाने हैं यह भी स्टडी कर उन्हें बताया जाएगा। इस प्लान को सबसे पहले इंदौर जिले में लागू किया जाएगा। इसके अलावा कानपुर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने की जिम्मेदारी भी हमने ली है।
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