शहर में साढ़े चार महीने बाद कोरोना से हुई एक मौत ने जहां चिंता बढाई है वहीं डेंगू मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है। मंगलवार को 19 नए मरीज मिले हैं। इनके सहित डेंगू मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 941 हो गई है। इसी के साथ अब एक्टिव मरीज बढ़कर 23 हो गए हैं जबकि 11 मरीज एडमिट हैं। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि अपने घर, परिसर व आसपास गंदा पानी जमा नहीं होने दें।
जिन नए क्षेत्रों में डेंगू के मरीज मिल हैं वे रानी बाग, विजय नगर, तलावली चांदा, तिरुपति कॉलोनी, वेंकटेश नगर, सुभाष नगर, सुखदेव नगर, बीसीएम पैराडाइज, पैलेस कोलोनी, बीएन सेक्टर सिटी, साधु वासवानी नगर, कृष्णा एवेन्यू, कालानी नगर, हसनजी नगर, खण्डवा रोड, अनुराधा नगर, स्वास्थ्य नगर, वासुधाम कॉलोनी, आदि हैं। इन स्थानों पर स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम की टीमों ने लार्वा सैंपल लेने के साथ छिड़काव किया है।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. दौलत पटेल ने बताया कि डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ने का कारण घरों में या आसपास एक ही स्थान पर बहुत दिनों से पानी जमा हो सकता है। जैसे कूलर, वॉश एरिया, सिंक, गमलों आदि भी कई बार पानी जमा रहता है जो डेंगू का कारक बनता है। वैसे बारिश में डेंगू के मरीज ज्यादा बढ़ते हैं । जैसे-जैसे ठण्ड बढ़ेगी तो इसका प्रभाव बढ़ेगा और मच्छरों की सक्रियता एकदम कम होगी जिससे डेंगू मरीजों की संख्या कम हो सकती है।
यह जरूर ध्यान रखें
लोगों से अपील की गई है कि वे पानी जमा नहीं होने दें और निकासी का प्रबंध करें। एडीज मच्छर पानी जमाव होने की स्थिति में सक्रिय हो जाते हैं। इन मच्छरों की प्रकृति यह है कि ये दिन में ही काटते हैं। फिर कुछ समय बाद इसकी चपेट में आए लोगों को तेज बुखार, शरीर पर लाल चकत पड़ना, सिर, हाथ-पैर और बदन में तेज दर्द, भूख न लगना, उल्टी-दस्त, गले में खराश, पेट में दर्द और लिवर में सूजन आदि लक्षण दिखते हैं। ऐसे में संबंधित व्यक्ति को तुरंत डॉक्टरों को दिखाना चाहिए। इसके बाद ब्लड टेस्ट में इसकी जांच होती है जिसमें पुष्टि होती है कि उसे डेंगू है या दूसरी बीमारी।
बचाव के ये तरीके भी
- मच्छरों को दूर रखने के लिए मच्छर भगाने वाले रिपेलेंट, क्रीम, कॉइल और स्प्रे का इस्तेमाल करें।
- खिड़की और दरवाजों को सुरक्षित करें या यदि आवश्यक हो तो मच्छरदानी का उपयोग करें।
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