इंदौर पुलिस ने 2 साल में शेयर कारोबार में निवेश का झांसा देकर धोखाधड़ी करने वाली 24 एडवाइजरी कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। संचालक सहित 105 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इन कंपनियों के संचालकों ने 101 पीड़ितों से 10 करोड़ रुपए हड़पे थे। इनमें से पुलिस ने 6 करोड़ 68 लाख रुपए पीड़ितों को वापस दिला दिए। इसे अब तक की धोखाधड़ी में सबसे बड़ी रिकवरी बताई जा रही है।
एसआईटी बनाकर रैकेट ध्वस्त किया
पुलिस जांच में पता चला है कि कुछ ने तो ऑनलाइन एजुकेशन और काउंसलिंग सेंटर के बोर्ड लगाकर एडवाइजरी कंपनियां खोल रखी थीं। ये इंदौर में बैठकर राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, बेंगलुरु, चेन्नई, अहमदाबाद, कोलकाता में लोगों को ठगते थे। यहां के कई पीड़ितों ने इंदौर पुलिस से संपर्क करना शुरू किया तो अधिकारियों ने एसआईटी बनाकर इनका रैकेट धवस्त किया।
105 आरोपियों के जेल जाते ही 60 प्रतिशत गिरा धोखाधड़ी का ग्राफ
एसपी आशुतोष बागरी की मानें तो 24 कंपनियों के 105 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद धोखाधड़ी की शिकायतों में 60 प्रतिशत तक गिरावट आई है। पुलिस अब हर पीड़ित की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर आरोपियों के बैंक खातों से लेकर अन्य जानकारियां जुटा रही है। संचालकों के नाम-पते निकालकर उनकी चल-अचल संपत्ति जांच रही है। साथ ही परिचितों, रिश्तेदार व परिवार वालों से भी पूछताछ कर रही है।
1 हजार से ज्यादा फर्जी सिम व 500 से ज्यादा मोबाइल जब्त
105 आरोपियों से 1 हजार से ज्यादा फर्जी सिम, 500 से ज्यादा मोबाइल फोन, 200 से ज्यादा फर्जी बैंक खाते मिले, जो अनजान लोगों के दस्तावेजों से खुलवाए गए थे। कई कंपनियों ने तो डेटा चोरी कर लोगों को सीधे टारगेट करना भी कबूला है। इनके डेटा चोरी करने वाले सोर्स तक भी पुलिस पहुंचने में जुटी है।
2021 में धोखाधड़ी के चर्चित केस
- कैपिटल शेयर रिसर्च कंपनी के पंकज खानचंदानी ने लोगों को मुनाफे का लालच देकर 1.80 करोड़ रुपए ठगे। विजय नगर थाने में 20 पीड़ितों की शिकायत पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया। पुलिस ने 1.35 करोड़ रुपए पीड़ितों को वापस दिलाए।
- वेल्थ आईटी कंपनी के मालिक मोहित मंगवानी ने कर्मचारी गौरव, कार्तिक, मनीष हर्षित के साथ मिलकर ठगी की। 3 पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया। इनसे 71.19 लाख रुपए ऐंठे गए। पुलिस ने पीड़ितों को 43 लाख रुपए वापस दिलाए। इसी कंपनी के खिलाफ एक और केस दर्ज हुआ। उसमें एक पीड़ित से 37 लाख रुपए ठगे गए। 17 लाख रुपए वापस दिलाए गए।
- हाईब्रो मार्केट रिसर्च इन्वेस्टमेंट एडवाइजर कंपनी के डायरेक्टर व कर्मचारियों ने 5 पीड़ितों से ठगी की। इनसे 1.55 लाख रुपए ऐंठ लिए। यह पूरा पैसा पुलिस ने वापस दिलाया।
- गुडविल ट्रेडर्स के मालिक मो. आरिफ साथी जुनैद, अशरफ, नौशाद ने पीड़ित से 1.45 करोड़ रुपए मुनाफे का झांसा देकर ले लिए। पुलिस ने यह पूरा पैसा वापस दिलाया।
- लोगों को फंसाने के लिए आरोपी एक-दो बार मुनाफा भी दे देते थे
सभी जांच एजेंसियों की रिपोर्ट में यह स्पष्ट है कि इन एडवाइजरी कंपनियों के संचालक ‘जामताड़ा मॉडल’ को अपना कर फर्जीवाड़े करते थे। लोगों को फंसाने के लिए ये कॉल सेंटर में कार्यरत युवक-युवतियों को ट्रेंड कर शेयर में दुगना-तिगुना मुनाफे का लालच देकर फंसाते थे। जिन नंबरों से ये संपर्क करते थे, वे सिम भी फर्जी दस्तावेजों पर ली गई होती थीं।
कंपनी के संचालक वेबसाइट पर झूठी जानकारियां देकर फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और फर्जी एड्रेस डालते थे। लोगों को फंसाने के बाद एक-दो बार मुनाफा भी देते थे। फिर मोटी रकम लेने के बाद मोबाइल बंद कर लेते थे। कई लोग इनकी शिकायत अपने क्षेत्र के थानों में करते तो वहां की पुलिस घटना स्थल इंदौर का बताकर यहां भेज देती थी। यहां एक-दो चक्कर काटने के बाद पीड़ित आते ही नहीं थे। इसी का फायदा उठाकर ये बाहरी लोगों को ज्यादा टारगेट करते थे।
विजय नगर इलाका बना गढ़
सेबी के अधिकारियों के मुताबिक, फर्जी एडवाइजरी कंपनियां विजय नगर में ही ऑफिस खोलकर फर्जीवाड़े कर रही थीं। कुछ समय पहले ही विजय नगर पुलिस ने पाकिस्तानी मूल के नागरिक विवेक पेशवानी को पकड़ा था। वह फर्जी कंपनी चला रहा था। मुंबई-पुणे, बंगाल, राजस्थान व महाराष्ट्र की पुलिस भी यहां दबिश दे चुकी।
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