लोकायुक्त पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग से जुड़े जिस कार्यपालन यंत्री राकेश कुमार सिंघल को 50 हजार नकद और 11 लाख 50 हजार रुपए के सेल्फ के चेक के साथ पकड़ा, उसके घर में आधा किलो सोना, तीन किलो चांदी और भाेपाल के समीप ग्राम रातीबड़ में खेती की जमीन भी पता चली है। उसके व परिजन के बैंक खाते, लाॅकर भी सील करवा दिए हैं। इनकी भी जांच के बाद और संपत्ति का खुलासा हो सकता है। भ्रष्ट सिंघल की नौकरी तो इंदौर में थी, लेकिन वह रोजाना कुल 400 किलोमीटर अपनी कार से आना-जाना करता था। दिनभर नौकरी के बाद शाम को भोपाल लौट जाता था।
इंदौर में कभी रुकना भी पड़ता था तो होटल या किसी रिश्तेदार के यहां ठहर जाता था। भोपाल में नेहरू नगर स्थित उसके घर सोमवार देर रात तक छानबीन चलती रही। अलमारी में नोटों के इतने बंडल थे कि गिनते-गिनते दो घंटे लग गए। 33 लाख 50 हजार रुपए नकद घर में मिले थे। सिंघल लोकायुक्त को बता ही नहीं पाया कि इतना पैसा वह कहां से लाया। बताया जाता है कि सरकारी प्रोजेेक्ट का भुगतान करने के एवज में वह 17 फीसदी रिश्वत लेता था।
यह पैसा भी ठेकेदारों से रिश्वत के रूप में ही हासिल किया होगा। भारी कैश, करीब 4 करोड़ का मकान, सोना, चांदी मिलने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने रंगेहाथ पकड़े जाने के साथ ही आय से अधिक संपत्ति का भी केस दर्ज कर लिया।
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