कचरा प्रबंधक शुल्क (Waste Management Fees) के 4 लाख रुपए अपने पास रखने पर बिल कलेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया। कार्रवाई निगमायुक्त के आदेश के बाद की गई। जांच में यह बात सामने आई तो बिल कलेक्टर ने राजस्व विभाग में रकम जमा कर दी। लेकिन, अफसरों ने इसे लापरवाही मानते हुए बिल कलेक्टर को निलंबित कर दिया।
नगर निगम के अफसर राजस्व वसूली को लेकर अलग-अलग टारगेट बना रहे थे। राजस्व विभाग की टीमों शहर के अलग-अलग स्थानों पर जाकर हर घर और व्यवसायिक स्थल से कचरा प्रबंधन शुल्क की राशि वसूल रही है। जोन-2 के बिल कलेक्टर गौतम मालवीय ने सैकड़ों लोगों से कचरा प्रबंधन शुल्क के 4 लाख 14 हजार वसूलकर अपने पास रख लिए थे। नियम मुताबिक यह रुपए निगम खजाने में जमा किए जाने थे।
कई दिन तक जब राशि जमा नहीं हुई, तो ऑडिट विभाग ने इस पर आपत्ति जताई। रसीदों का मिलान हुआ तो राशि की गड़बड़ सामने आई। पूरा मामला अफसरों तक पहुंचा तो नोटिस जारी हुए और इसके बाद बिल कलेक्टर गौतम ने निगम कोषालय में राशि जमा करा दी, लेकिन अफसरों ने उसके इस कार्य को गंभीर लापरवाही माना और उसे निलबिंत कर जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में राजस्व विभाग के अफसरों ने बिल कलेक्टर पर जांच बैठाई है।
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