लोकायुक्त पुलिस ने 48 घंटे में चार भ्रष्ट सरकारी अधिकारी, कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा है। लोकायुक्त पुलिस ने जब-जब किसी विभाग में कार्रवाई की तो वहां दिखावे के लिए अगले ही दिन भ्रष्टाचार रोकने के तमाम उपाय शुरू हो जाते हैं। जैसे पूरी शाखा का स्टाफ बदल देना, सीसीटीवी कैमरे, काम के बदले पैसे मांगें तो शिकायत करें, शिकायत पेटी आदि, लेकिन तात्कालिक उपायों के बाद भी विभागों में भ्रष्टाचार नहीं रुक रहा। दफ्तरों में घुसते ही लाल पेटियां भी लगी हुई हैं, जिनमें लिखा है कि भ्रष्टाचार की कोई शिकायत हो तो इसमें लिखकर डालें। रोजाना ये पेटियां खुल भी रही हैं, लेकिन शिकायत नहीं होती।
घूसखोर जूनियर फूड ऑफिसर शर्मा मोबाइल पर सबसे खुली रिश्वत की बात करता था
15 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़े गए घूसखोर जूनियर फूड ऑफिसर धर्मेंद्र शर्मा का भ्रष्टाचार परत दर परत सामने आ रहा है। बुधवार को शर्मा की कंट्रोल दुकान संचालकों से हुई बात की रिकॉर्डिंग सामने आई। शर्मा बगैर किसी हिचक के सीधे पैसों की मांग करता सुनाई दे रहा है। यही नहीं, दफ्तर के अन्य स्टाफ से भी सांठगांठ कराने की बात रिकॉर्डिंग में सामने आई है। रिकॉर्डिंग के कुछ अंश...
घूसखोरों के हौसले इतने बुलंद
रिकॉर्डिंग 1
ज्ञान मत दो, घर आकर मिलना
शर्मा- कहां हो तुम, घर आकर मिल लो।
दुकान संचालक- घर पर ही हूं। शाम को आकर मिल लेता हूं। शर्मा- तलावली चांदा और हुकमाखेड़ी के दुकान वालों को भी पकड़ लाना।
दुकान संचालक- सर, मेरी दुकान की समस्या है। शर्मा- फोन पर इतना ज्ञान मत दिया करो, घर आ जाना।
दुकान संचालक- ठीक है सर, शाम को आकर मिलता हूं।
दफ्तरों के बाहर शिकायत पेटियां, कुछ तो नजर नहीं आतीं
डीआईजी दफ्तर के ठीक बाहर भी पुलिस कर्मियों की विभागीय शिकायत के लिए एक पेटी लगी है। इसके बावजूद थानों में पुलिसकर्मी कई बार रिश्वत लेते पकड़े जा चुके हैं। अगस्त में ही बाणगंगा थाने के उप निरीक्षक के खिलाफ एक ऑटो रिक्शा को छोड़ने के एवज में घूस लेने की शिकायत हुई थी। उप निरीक्षक भाग निकला था, लेकिन मोबाइल रिकॉर्डिंग के आधार पर उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
वर्षों से ताला ही नहीं खुला
बिजली के तमाम जोन कार्यालयों में बाबू, इंजीनियर के भ्रष्टाचार की शिकायत करने के लिए पेटियां लगी हैं। यहां तो वर्षों से ताले खोलकर पेटी को चेक भी नहीं किया गया। अन्नपूर्णा जोन में लगी पेटी के ताले पर धूल की मोटी परत तक चढ़ी हुई है, जबकि साल की शुरुआत में ही कार्यपालन यंत्री स्तर के इंजीनियर को रिश्वतखोरी में पकड़ा गया था।
इधर कार्यपालन यंत्री की संपत्तियां निकलती जा रहीं
दो दिन पहले स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कार्यपालन यंत्री राकेश कुमार सिंघल को 50 हजार नकद और 11 लाख 50 हजार के सेल्फ चेक के साथ पकड़ा गया था। बुधवार को उसके बैंक खातों की जानकारी लेने लोकायुक्त पुलिस इंदौर की टीम भोपाल पहुंची। निरीक्षक विजय चौधरी, आशा सेजकर की टीम सिंघल को लेकर नेहरू नगर स्थित एसबीआई की शाखा पहुंची। यहां पर सिंघल और उसकी पत्नी के नाम पर 10 लाख रुपए जमा होने की जानकारी मिली है।
निजी खाते में इतना पैसा कहां से जमा किया गया, इसकी कोई जानकारी सिंघल टीम को नहीं दे पाया। वहीं भोपाल-सीहोर के बीच ग्राम रातीबड़ में पांच हजार स्क्वेयर-फीट का फार्महाउस भी मिला है। इसे उसने किराए पर दे रखा है। इसी तरह भोपाल में ही राजदीप रेसीडेंसी में 20 लाख से अधिक कीमत का फ्लैट भी पता चला है।
पटवारी घर से ही चलाता था पैरेलल दफ्तर
23 सितंबर को लोकायुक्त ने पटवारी अमर सिंह मंडलोई को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा। रिश्वतखोर पटवारी प्रशासनिक संकुल में भी नियमित रूप से आकर नहीं बैठता था। घर से दफ्तर चलाता था। शिकायतकर्ता किशोर चौधरी ने पटवारी की शिकायत मौखिक रूप से तहसीलदार व अन्य अधिकारियों से भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सोनवाय में एक नहर प्रस्तावित है। इसमें जा रही जमीन को बचाने एक लाख मांग रहा था।
रिकॉर्डिंग 2. मैडम से मिलकर आया, उन्होंने बोला मैं इकट्ठे पैसे ले लूंगी
शर्मा- (दूसरे दुकान संचालक से) तुम मिलोगे नहीं क्या।
दुकान संचालक- सर, मैं मैडम से मिलकर आ गया हूं। दुकान का पत्रक और तीन हजार दे रहा था तो मैडम ने बोला कि मैं इकट्ठा पैसा ले लूंगी।
शर्मा- इकट्ठे का क्या मतलब। तुमने मेरा नाम लिया था।
दुकान संचालक- वो तो बोलीं कि मैं तो इकट्ठे ही ले लूंगी।
शर्मा- तेरी जब मेरे से बात हो गई तो तू उधर क्यों जा रहा है। मैं मैडम से तुझको मिलवा दूंगा।
दुकान संचालक- अरे सर, मैं तो पत्रक देने गया था। निपानिया की दुकान वाला गौरव भी साथ गया था, उसने मैडम को पैसे दिए थे तो मैं भी उसके साथ था।
शर्मा- गौरव ने कितने पैसे दिए मैडम को।
दुकान संचालक- तीन ही दिए थे सर उसने मैडम को।
शर्मा- अच्छा अच्छा। तेरे लिए तो मैंने मैडम को बोल दिया था। इसलिए तुझसे उसने पैसे नहीं लिए। मैंने तेरा बोल दिया था। और सुन मेरा तो कैलोद हाला वाला क्लीयर करवा देना।
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