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5 से 11 साल के बच्चों के अभिभावकों का विरोध:अमेरिका में बीस लाख बच्चे संक्रमित हो चुके, फिर भी 42% पैरेंट वैक्सीन के खिलाफ

 

एरिन गाउच अपने बच्चे के साथ। उनका कहना है,अगर बच्चे पर वैक्सीन का नुकसानदेह साइड इफेक्ट हुआ तो मुश्किल हो जाएगी। - Dainik Bhaskar
एरिन गाउच अपने बच्चे के साथ। उनका कहना है,अगर बच्चे पर वैक्सीन का नुकसानदेह साइड इफेक्ट हुआ तो मुश्किल हो जाएगी।
  • वैक्सीनेशन- 5 से 11 साल के बच्चों का टीका सुरक्षित पर कई सवाल भी

अमेरिका के खाद्य और दवा प्रशासन (एफएडी) ने 5 से 11 साल के बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। इसके साथ दो करोड़ 80 लाख बच्चे वैक्सीनेशन के दायरे में आ गए हैं। लेकिन, वैक्सीन संबंधी हिचक से जूझ रहे देश में बच्चों को वैक्सीन लगाने का अभियान बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है। वैक्सीन लगवा चुके कई पैरेंट अपने किशोर बच्चों के लिए स्वीकृति दे चुके हैं।

फिर भी, वे छोटे बच्चों की नई वैक्सीन के साथ जुड़े अज्ञात खतरों पर सवाल उठा रहे हैं। 35 से 42 प्रतिशत के बीच पैरेंट छोटे बच्चों को वैक्सीन नहीं लगवाना चाहेंगे। फाइजर और बायोएनटेक की कम डोज वाली वैक्सीन को शुक्रवार को मंजूरी देते हुए एफडीए ने कहा, क्लिनिकल ट्रायल से पता लगा है कि वैक्सीन सुरक्षित है। बच्चों में मजबूत प्रतिरोध क्षमता पैदा करती है। उसके सामान्य साइड इफेक्ट थकान, बुखार और सिरदर्द हैं।

संक्रामक बीमारियों के विशेषज्ञों का कहना है, क्रिसमस के कारण यात्राओं और पारिवार के लोगों के जुड़ने को देखते हुए छोटे बच्चों का वैक्सीनेशन फायदेमंद हो सकता है। इससे स्कूल खुलेंगे और बुजुर्गों, कमजोर वयस्कों के संक्रमित होने का खतरा कम होगा। कोरोना वायरस 5 से 11 साल के बच्चों के लिए आठवां सबसे बड़ा जानलेवा कारण साबित हुआ है। बीमारी नियंत्रण और रोकथाम सेंटरों के अनुसार अब तक इस आयु वर्ग के लगभग बीस लाख बच्चे वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।

8300 बच्चों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। इनमें से 35 प्रतिशत इंटेसिव केयर यूनिट में रखे गए। 170 बच्चों की मौत हो चुकी है।
साइड इफेक्ट के संबंध में चिंतित हैं पैरेंट
नार्थईस्टर्न, हारवर्ड, रटगर्स और नार्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि कोविड वैक्सीनेशन के संबंध में अभिभावकों के बीच जून से सितंबर के बीच चिंता बहुत अधिक बढ़ी है। पैरेंट वैक्सीन के नया होने, उसके असर, सफल परीक्षण, साइड इफेक्ट और लंबी अवधि में स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर चिंतित हैं।

कैसर फेमिली फाउंडेशन के एक सर्वे के मुताबिक बमुश्किल तीन में से एक पैरेंट इस आयु के बच्चों को तत्काल वैक्सीन लगाने की इजाजत देंगे। दो तिहाई लोग वैक्सीन लगवाने के अनिच्छुक हैं या एकदम खिलाफ हैं। एक्सिओस-इस्पॉस के सर्वे में 42 प्रतिशत पैरेंट ने कहा कि वे अपने बच्चों को वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। मिडिलटाउन की एरिन गाउच (देखिए फोटो) ने अपने 14 और 12 साल के बच्चों को वैक्सीन लगवाई है। लेकिन वे, अपने छोटे बच्चे के लिए चिंतित हैं। उन्हें आशंका है कि बच्चे के दिल की मांसपेशी कमजोर (मायोकार्डिटिस) हो सकती है।

बहुत कम संख्या में किशोर मायोकार्डिटिस से प्रभावित हुए हैं। कुछ रिसर्च बताती हैं कि युवाओं और लड़कों के मायोकार्डिटिस का शिकार होने की दुर्लभ संभावना है।

दूसरी ओर एफडीए के परीक्षण में 5 से 11 साल के एक भी बच्चे पर ऐसा साइड इफेक्ट नहीं हुआ है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि मायोकार्डिटिस की स्थिति में तेजी से सुधार होता है। वैसे, कोविड-19 इंफेक्शन के कारण गंभीर मायोकार्डिटिस होने का खतरा रहता है।
जेन हॉफमैन

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