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डेंगू मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी:चार दिनों में 52 नए मरीज, 880 तक पहुंची संख्या, विजय नगर, नंदनवन, खजराना में मिले नए मरीज

 

शहर में डेंगू के नए मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। स्थिति यह है कि बीते चार दिनों में कुल 52 नए मरीज सामने आए हैं। इनके सहित कुल संख्या 880 तक पहुंच गई है। वर्तमान में 21 एक्टिव मरीज हैं जिनमें से 9 एडमिट हैं। विजय नगर, नंदनवन कॉलोनी, खजराना, जय मंगल रेसीडेंसी, राज नगर, चंदन नगर, पाटनीपुरा, वेंकटेश नगर, स्कीम 54, सुखलिया, श्याम नगर, श्रीनगर एक्सटेंशन आदि क्षेत्रों में नए मरीज मिले हैं।

वैसे गुरुवार को 15 नए मरीज मिले हैं। इसके पूर्व बुधवार को भी 15, मंगलवार को 6 व सोमवार को 16 मरीज मिले थे। इसके पूर्व दीपोत्सव के दौरान अक्टूबर के 10 दिनों में काफी कमी आई थी। 30 अक्टूबर को 10 नए मरीज पाए गए थे। इसके बाद सीधे 3 नवम्बर को 15 नए मरीज सामने आए। इसके बाद संख्या औसतन हर रोज इतने ही नए मरीज आ रहे हैं। जिन नए क्षेत्रों में डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं वहां लार्वा के सैंपल लेने के साथ छिड़काव किया जा रहा है।

गंदा पानी जमा नहीं होने दें

- जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. दौलत पटेल ने बताया कि डेंगू जमे हुए पानी में पनपने वाले मच्छरों के काटने से होता है जबकि डेंगू एडीज इजिप्टी (मादा मच्छर) के काटने से फैलता है। यह बुखार मच्छरों द्वारा फैलाई जाने वाली बीमारी है। यह स्थिति तब बनती है घरों में या आसपास एक ही स्थान पर बहुत दिनों से पानी जमा हो। जैसे कूलर, वॉश एरिया, सिंक, गमलों आदि भी कई बार पानी जमा रहता है जो डेंगू का कारक बनता है।

- लोगों से अपील की गई है कि वे पानी जमा नहीं होने दें और निकासी का प्रबंध करें।

- एडीज मच्छर पानी जमाव होने की स्थिति में सक्रिय हो जाते हैं। इन मच्छरों की प्रकृति यह है कि ये दिन में ही काटते हैं।

- फिर कुछ समय बाद इसकी चपेट में आए लोगों को तेज बुखार, शरीर पर लाल चकत पड़ना, सिर, हाथ-पैर और बदन में तेज दर्द, भूख न लगना, उल्टी-दस्त, गले में खराश, पेट में दर्द और लिवर में सूजन आदि लक्षण दिखते हैं।

- ऐसे में संबंधित व्यक्ति को तुरंत डॉक्टरों को दिखाना चाहिए। इसके बाद ब्लड टेस्ट में इसकी जांच होती है जिसमें पुष्टि होती है कि उसे डेंगू है या दूसरी बीमारी।

बचाव के ये तरीके भी

मच्छरों को दूर रखने के लिए मच्छर भगाने वाले रिपेलेंट, क्रीम, कॉइल और स्प्रे का इस्तेमाल करें।

- खिड़की और दरवाजों को सुरक्षित करें या यदि आवश्यक हो तो मच्छरदानी का उपयोग करें।

- यदि संभव हो तो एयर कंडीशनिंग घर के अंदर इस्तेमाल करें।

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