शहर में डेंगू के नए मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ रही है। अब फिर से हर रोज औसतन 14-15 नए मरीज मिल रहे हैं। शनिवार को 14 नए मरीज सामने आए हैं। इनके सहित अब कुल संख्या 909 हो गई है। इनमें एक्टिव मरीज बढ़कर 21 हो गए हैं जबकि 6 एडमिट हैं। नए मरीजों के घरों व आसपास के क्षेत्रों से लार्वा सैंपल लेकर छिड़काव किया जा रहा है। खास बात यह कि बारिश का मौसम खत्म होने के बाद भी मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है।
दरअसल, एक्सपर्टस का कहना है कि डेंगू मरीज जमे हुए पानी खासकर बारिश के पानी जमा होने पर इनमें पनपने वाले एडीज इजिप्टी (मादा मच्छर) काटने से होता है। इस साल जून से लेकर अक्टूबर पहले हफ्ते तक बारिश हुई। इसके चलते माना गया कि बारिश में कई स्थानों पर पानी की निकासी नहीं हुई जिससे मच्छर पनपे व डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ी। अब बारिश का मौसम खत्म होकर एक महीना हो गया है लेकिन डेंगू के नए मरीज रोज सामने आ रहे हैं। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. दौलत पटेल ने बताया कि यह स्थिति तब बनती है घरों में या आसपास एक ही स्थान पर बहुत दिनों से पानी जमा हो। जैसे कूलर, वॉश एरिया, सिंक, गमलों आदि भी कई बार पानी जमा रहता है जो डेंगू का कारक बनता है। यह सही है कि बारिश में डेंगू के मरीज ज्यादा बढ़ते हैं लेकिन अभी अपेक्षाकृत मरीज कम ही आ रहे हैं। जैसे-जैसे ठण्ड बढ़ेगी तो इसका प्रभाव बढ़ेगा और मच्छरों की सक्रियता एकदम कम होगी जिससे डेंगू मरीजों की संख्या कम हो सकती है।
डॉ. दौलत पटेल ने बताया कि अभी नगर निगम व मलेरिया विभाग की कुल 24 टीमें रेग्युलर लार्वा सैंपल लेकर छिड़काव कर रही है। लोगों से अपील की गई है कि वे पानी जमा नहीं होने दें और निकासी का प्रबंध करें। एडीज मच्छर पानी जमाव होने की स्थिति में सक्रिय हो जाते हैं। इन मच्छरों की प्रकृति यह है कि ये दिन में ही काटते हैं। फिर कुछ समय बाद इसकी चपेट में आए लोगों को तेज बुखार, शरीर पर लाल चकत पड़ना, सिर, हाथ-पैर और बदन में तेज दर्द, भूख न लगना, उल्टी-दस्त, गले में खराश, पेट में दर्द और लिवर में सूजन आदि लक्षण दिखते हैं। ऐसे में संबंधित व्यक्ति को तुरंत डॉक्टरों को दिखाना चाहिए। इसके बाद ब्लड टेस्ट में इसकी जांच होती है जिसमें पुष्टि होती है कि उसे डेंगू है या दूसरी बीमारी।
बचाव के ये तरीके भी
- मच्छरों को दूर रखने के लिए मच्छर भगाने वाले रिपेलेंट, क्रीम, कॉइल और स्प्रे का इस्तेमाल करें।
- खिड़की और दरवाजों को सुरक्षित करें या यदि आवश्यक हो तो मच्छरदानी का उपयोग करें।
- यदि संभव हो तो एयर कंडीशनिंग घर के अंदर इस्तेमाल करें।
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