इस बार धनतेरस पर पांच विशेष योग बन रहे हैं। पहली बार बन रहे पांच विशेष योग में धनतेरस पर देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा होगी। ज्योतिर्विद पं. सोमेश्वर जोशी के मुताबिक कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस है। यह तिथि इस साल मंगलवार को पड़ रही हैं। ये पांच दिवसीय महोत्सव देवी लक्ष्मी नारायण की आराधना के साथ खरीदारी के लिए भी शुभ होता है।
त्रिपुष्कर, धाता सहित पांच विशेष योग
इस वर्ष धनतेरस पर त्रिपुष्कर, दोपहर सर्वार्थ सिद्ध, सिद्धि योग, प्रजापत (धाता) 12.52 मिनिट बाद, वैदृत का अति शुभ योग बन रहा है। धन त्रयोदशी विशेषकर शिव, कुबेर और भगवान धन्वंतरी की आराधना के उपरांत शुभ मुहूर्त में की गई खरीदारी वर्षभर के लिए शुभ फलदाई सिद्ध होता है। पं.जोशी के अनुसार शिव पुराण आदि में भोम, त्रयोदशी प्रदोष काल धनतेरस पर आना अपने आप में बहुत बड़ा धार्मिक पौराणिक महोत्सव है, जिसका अध्यात्म में बहुत महत्त्व है। पं. जोशी के मुताबिक वेदों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरी की उत्पत्ति हुई थी। धन्वंतरी आरोग्यता के देवता हैं। कुबेर की जहां धन और समृद्धि के लिए पूजा की जाती है, वहीं भगवान धन्वंतरी की पूजा इस दिन आरोग्यता की कामना के लिए की जाती है।
धनतेरस पर यह करें विशेष
पं. जोशी ने बताया धनतेरस पर शिव अभिषेक करें। वहीं कुबेर, धन्वंतरी, लक्ष्मी पूजन करें। स्कंध पुराण के अनुसार मिट्टी के दीपक को तिल के तेल से पूराभर कर गंध आदि से पूजन कर दीपदान, द्वार एवं भगवान के समक्ष पूजित दीप प्रज्वलित करें। साथ ही झाडू, सोने-चांदी की आभूषण की खरीदें करें। उन्होंने बताया धनतेरस पूजन का समय शाम 5.25 से 6 बजे तक, वहीं धनवंतरी पूजन का समय शाम 5.48 से 8.59 तक है।
शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11.47 बजे से 12.32 बजे तक
- लाभ: सुबह 10.45 बजे से 12.10 बजे तक
- अमृत मुहूर्त: दोपहर 12.10 बजे से 1.34 बजे तक
- शुभ योग: दोपहर 2.59 बजे से 4.24 बजे तक
- वृष लग्न: शाम 6.24 बजे से रात 8.32 बजे तक
- लाभ मुहूर्त: रात्रि 7.24 बजे से 08.59 बजे तक
- राहु काल: दोपहर 2.59 बजे से रात 4.24 बजे तक
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