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मोटापा अब एक बीमारी है:वजन कम करना खुद की सुरक्षा के लिए जरूरी, शैल्बी अस्पताल में बेरियाट्रिक सर्जरी शुरू

 

बेरियाट्रिक सर्जरी की जानकारी देते डॉ. अचल अग्रवाल। - Dainik Bhaskar
बेरियाट्रिक सर्जरी की जानकारी देते डॉ. अचल अग्रवाल।

मोटापे का मतलब अधिक वजन नहीं होना है बल्कि यह एक बीमारी है। इससे कई बीमारियों उत्पन्न होती हैं जो जानलेवा है। यही कारण है कि अब मेडिक्लेम कंपनियों ने भी इसे बीमारी माना है। हर व्यक्ति का अपनी ऊंचाई, वजन के लिहाज से स्टैण्डर्ड आधार पर वजन होना चाहिए लेकिन कई लोगों में दोगुना हो जाता है। इससे कई प्रकार की विकृतियां तो सामने आती है और दूसरी बीमारियां भी बढ़ती है। इसका इलाज बेरियाट्रिक सर्जरी ही संभव है।

यह बात मंगलवार को शैल्बी हॉस्पिटल के लेक्रोस्कोपी व बेरियाट्रिक सर्जन डॉ. अचल अग्रवाल, CAO धनंजय कुमार व सुपरिटेंडेंट डॉ. विवेक जोशी ने कही। उन्होंने बताया कि कई प्रकार की बीमारियों का सफल इलाज करने में अग्रणी रहे शैल्बी हॉस्पिटल में अब बेरियाट्रिक सर्जरी शुरू की गई है। इसके तहत रविवार को ग्वालियर के एक व्यक्ति की बेरियाट्रिक सर्जरी की गई। उक्त व्यक्ति की उम्र 48 वर्ष है लेकिन वजन 145 किलो था। उम्र और वजन के पैरामीटर के लिहाज से उसका वजन 65 किलो ज्यादा था। ऐसे में उसके हार्ट को तो तकलीफ तो थी ही जोड़ों के दर्द की भी तकलीफ थी। उसका सफल ऑपरेशन किया गया है तथा वह अब पूरी तरह ठीक है। डॉ. अचल अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि बेरियाट्रिक सर्जरी के तहत पेट में तीन-चार कट लगाकर भोजन की थैली का आकार कम किाय जाता है। सर्जरी करने के तुरंत बाद वजन कम नहीं होता बल्कि तीन महीने में धीरे-धीरे वजन कम होकर शरीर मूल स्वरूप में आ जाता है। मरीज अगर लोकल व्यक्ति है तो उसे दो से तीन दिन तक हॉस्पिटल में रखा जाता है। अगर बाहर का है तो तीन से चार दिन रखा जाता है ताकि अच्छे से मॉनिटरिंग होती रहे। सर्जरी के बाद मरीज छह घंटे बाद चल सकता है। दूसरे दिन से लिक्विड दिया जाता है और तीसरे-चौथे दिन से सेमी सॉलिड भोजन शुरू कर दिया जाता है।

बकौल डॉ. अग्रवाल खानपान, जीवन शैली व कार्यशैली में बदलाव मोटापे के मुख्य कारण हैं। मोटापे की वजह से अन्य बीमारियां जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, जोड़ो का दर्द, सांस लेने में परेशानी, हृदय रोग, महिलाओं में गायनिक संंबंधी कैंसर आदि की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में एकमात्र विकल्प बेरियाट्रिक सर्जरी ही है जिससे वजन कम किया जा सकता है। इससे सामान्य रूप से ली जाने वाली कुल कैलोरी में कमी आती है। बेरियाट्रिक सर्जरी से पेट के आकार को कम करना, आंतों में बदलाव करना, गेस्ट्रिक स्लीव व गैस्ट्रिक बायपास किया जाता है। डॉ. विवेक जोशी के मुताबिक बेरियाट्रिक सर्जरी के दौरान हॉस्पिटल में कार्डियालॉजी, ICU व एनेस्थीशिया यूनिट का पूरे संसाधनों के साथ होना बहुत जरूरी है जो शैल्बी हॉस्पिटल में है। बेरियाट्रिक सर्जरी भी वजन के लिहाज से अलग-अलग तरीके से होती है। आमतौर पर बेरियाट्रिक सर्जरी 2 लाख से शुरू होती है। यह अभी आयुष्मान योजना में नहीं है लेकिन मेडिक्लेम कंपनियों ने इसे बीमारी मानकर इसे शामिल किया है।

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