शहर के 19 सरकारी स्कूलों के 13 से 16 साल के ये बाल रक्षक इंदौर पुलिस ने एक साल सख्त ट्रेनिंग देकर तैयार किए हैं। यह किसी की जान बचाने से लेकर जहां कहीं कुछ गलत होता है तो तत्काल पुलिस को खबर करते हैं।
अपराधों को रोकने में ये पुलिस के खुफिया तंत्र की भूमिका निभाते हैं तो अपराधियों को पकड़वाने से भी नहीं डरते हैं। इंदौर पुलिस ने केंद्र सरकार की ‘स्टूडेंट्स पुलिस कैडेट योजना’ के तहत शहर में 950 स्टूडेंट्स पुलिस केडेट्स (एसपीसी)तैयार किए हैं। केरल के बाद मप्र में इंदौर में यह सर्वाधिक संख्या है।
इन रक्षकों के 3 उदाहरण, जान बचाई और खुदकुशी रोकी
1. छेड़छाड़ के आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचवाया
थाना हीरानगर में 18 जुलाई 20 को छेड़छाड़ के एक फरार बदमाश को 16 वर्षीय कैडेट ने गिरफ्तार करवाया। फरार आरोपियों के संबंध में मॉनिटरिंग सीख एसआई शिवम ने दी थी। जैसे ही क्षेत्र में बदमाश दिखा तो उसने तत्काल पुलिस को सूचना दी और आरोपी पकड़ा गया।
2. 14 वर्षीय सहेली का बाल विवाह रुकवाया
खुड़ैल क्षेत्र में अगस्त 2021 को 14 वर्षीय कैडेट ने पुलिस को बताया कि 8वीं तक पढ़ी है। घर वालों ने पढ़ाई छुड़वा दी और शादी की तैयारी कर रहे हैं। 1098 पर चाइल्ड हेल्प लाइन पर भी सूचना दी। टीम उसकेे घर पहुंची। परिवार की काउंसलिंग कर शादी से रोका।
3. 16 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता को आत्महत्या से रोका- 16 वर्षीय बालिका के साथ रिश्तेदार ने दुष्कर्म किया। उसने यह बात अपनी साथी एसपीएस कैडेट्स को बताई और आत्महत्या करने का बोला। उसने पुलिस को सूचना दी तो बालिका को बुलाकर काउंसलिंग की। आरोपी को भी पकड़ा।
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